प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार के निर्देश पर प्रदेशभर में टीबी के खात्मे के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जो 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा।
यूपी में टीबी के खात्मे के लिए विशेष अभियान : 27 लाख से अधिक की हुई स्क्रीनिंग, 2025 तक बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य
Dec 22, 2024 16:10
Dec 22, 2024 16:10
15 जिलों में विशेष अभियान की शुरुआत
सरकर ने प्रदेश के 15 जिलों में विशेष अभियान शुरू किया है, जहां टीबी के मामले अपेक्षाकृत अधिक हैं। इनमें अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया, इटावा, अमेठी, बस्ती, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर जिले शामिल हैं। अभियान के तहत इन जिलों में टीबी रोगियों की पहचान, इलाज और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर उन रोगियों को पहचानने पर जोर दिया जा रहा है जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
निक्षय पोषण योजना के तहत मिला लाभ
सात दिसंबर से उन्नीस दिसंबर तक चलाए गए इस विशेष अभियान में 27 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा 35,451 व्यक्तियों का माइक्रोस्कोपिक परीक्षण और 26,642 व्यक्तियों का एनएएटी परीक्षण भी किया गया। इस दौरान 2,20,520 टीबी रोगियों को चिह्नित किया गया और निक्षय पोषण योजना के तहत 49,850 रोगियों को लाभ पहुंचाया गया।
टीबी उन्मूलन के लिए आधुनिक उपाय
टीबी के उन्मूलन के लिए योगी सरकार द्वारा कई आधुनिक उपायों की शुरुआत की गई है। इनमें निक्षय मित्र अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने की योजना, तेज निदान के लिए एनएएटी मशीनों और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का उपयोग, और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए टीबी से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। सरकार के निर्देश पर धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक संगठनों के साथ मिलकर व्यापक जागरूकता फैलाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस विशेष अभियान का उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग को टीबी से बचाव और इलाज के लिए जागरूक करना और टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रभावी कदम उठाना है।
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