प्रदेश में चलाए जा रहे 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान ने यूपी में अपनी छाप छोड़ी है। एक महीने के भीतर इस अभियान से जुड़ने वाले निक्षय मित्रों की संख्या दस हजार से अधिक हो गई है। इस अभियान के तहत मरीजों को पोषण पोटली भी वितरित की जा रही हैं।
सघन टीबी अभियान : यूपी में 26891 मरीज चिह्नित, 30 दिन में 10 हजार से अधिक निक्षय मित्र जुड़े
Jan 19, 2025 15:58
Jan 19, 2025 15:58
15 जिलों में मिले इतने मरीज
इस अभियान के तहत हाल ही में नगर निगम लखनऊ के पार्षदों ने भी अभियान को समर्थन देने का वादा किया है, जिससे समुदाय के और लोगों के जुड़ने की उम्मीद है। प्रदेशभर के सभी सामुदायिक रेडियो को भी अभियान से जोड़ा गया है। महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने इसे समुदाय से जुड़ने का बेहतरीन कदम बताया। उन्होंने जानकारी दी कि 7 दिसंबर से शुरू हुए इस अभियान के दौरान अब तक 26,891 टीबी मरीज खोजे गए हैं, जो सभी उच्च जोखिम वाली श्रेणी के हैं। इनमें से 11,492 मरीज उन 15 जिलों में पाए गए हैं, जहां अभियान की शुरुआत हुई थी, जबकि 15,399 मरीज अन्य 60 जिलों से मिले हैं।
2.37 करोड़ लोगों को कवर करने का लक्ष्य
डॉ. रतनपाल ने बताया की इस 100 दिवसीय अभियान में 2.37 करोड़ लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 89 लाख 49 हजार 329 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। यह प्रदेश की 38 प्रतिशत आबादी का हिस्सा है।
सीतापुर में सर्वाधिक मरीज
अभियान के तहत 1,75,000 निक्षय शिविर लगाए गए हैं, जिनमें 89 लाख नैट टेस्ट और 1.60 लाख एक्सरे किए गए हैं। सीतापुर जिले में अब तक सबसे अधिक 1394 मरीज पाए गए हैं। इसके बाद सिद्धार्थनगर (1085), आगरा (1034), बस्ती (1022) और रामपुर (1020) का स्थान है। वहीं, सबसे कम मरीज श्रावस्ती (42), संतरवीदास नगर (49), चित्रकूट (59) और महोबा (59) में मिले हैं।
टीबी के उच्च जोखिम वाले समूह में शामिल हैं
- 60 साल से अधिक आयु के लोग।
- डायबिटीज और एचआईवी के रोगी।
- पिछले पांच सालों में टीबी के मरीज।
- हाल ही में टीबी का इलाज कर चुके लोग।
- झुग्गी-झोपड़ी, जेल, वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोग।
- कुपोषित जनसंख्या (बीएमआई 18.5 किग्रा/मी² से कम)।
- धूम्रपान और नशा करने वाले लोग।
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