समाज कल्याण और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण ने इस अभियान के तहत उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के 26 जिलों के 517 गांवों को चिह्नित किया गया है, जिनमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या है।
यूपी में बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे जनजातीय गांव : 26 जिलों के 517 को किया गया चिह्नित, 17 विभाग मिलकर करेंगे काम
Nov 13, 2024 17:26
Nov 13, 2024 17:26
गांवों में बुनियादी ढांचे में किया जाएगा सुधार
समाज कल्याण और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण ने इस अभियान के तहत उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के 26 जिलों के 517 गांवों को चिह्नित किया गया है, जिनमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या है। इस योजना के तहत गांवों में बुनियादी ढांचे में सुधार और जनजातीय परिवारों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में वृद्धि के लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे।
बुनियादी सुविधाएं होगी उपलब्ध
सरकार ने इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया है। जिन गांवों को चिह्नित किया गया है, वहां पक्के घरों का निर्माण, बिजली, पानी, और सड़क जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। साथ ही, जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स(एमएमयू) की संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आसान होगी और ग्रामीणों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। सरकार इन जनजातीय गांवों में बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) स्थापित करेगी, जहां जनजातीय समुदायों द्वारा उत्पादित शहद, वनोपज, महुआ से तैयार उत्पाद, चित्रकला और हस्तशिल्प जैसी सामग्रियों को एक बेहतर बाजार मिलेगा। इससे जनजातीय परिवारों की आमदनी में वृद्धि होगी और वे पलायन करने के बजाय अपने ही गांवों में रोजगार के अवसरों से लाभ उठा सकेंगे।
स्वरोजगार और कौशल विकास पर फोकस
असीम अरूण ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस अभियान के तहत, प्रदेश में कई प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे जहां जनजातीय परिवारों को उनके पारंपरिक कौशल के आधार पर नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपनी छोटी-सी व्यवसायिक गतिविधियों के जरिए आत्मनिर्भर बन सकें। कौशल विकास के तहत उद्यमिता संवर्धन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, स्वरोजगार की दिशा में विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर लोन योजनाएं चलाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जनजातीय परिवार अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकें।
17 विभाग अभियान में मिलकर करेंगे काम
इस अभियान की सफलता के लिए सरकार ने विभिन्न विभागों के साथ साझेदारी की है। जनजाति विकास विभाग के साथ मिलकर ग्राम्य विकास, जलापूर्ति, विद्युत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, आयुष, कृषि और किसान कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, महिला एवं बाल विकास, दूरसंचार, व्यवसायिक और कौशल शिक्षा, मत्स्य पालन, पशुपालन, पंचायती राज, और पर्यटन जैसे कुल 17 विभाग इस अभियान को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। ये विभाग जनजातीय क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं के विस्तार, योजनाओं के क्रियान्वयन और बुनियादी ढांचे के सुधार में सहकार्य करेंगे।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
सरकार का यह अभियान जनजातीय बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार लाएगा। इसके तहत, आश्रम पद्धति विद्यालयों और अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों के उन्नयन के लिए विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस कदम से जनजातीय बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त होगी, जो उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में मदद करेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कई पहल की जा रही हैं। चिह्नित गांवों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाएगी और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को और अधिक सुलभ बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय विकास में योगदान
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य केवल प्रदेश की जनजातीय आबादी के लिए बुनियादी सुविधाएं और रोजगार के अवसर प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह समग्र राष्ट्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों से न केवल जनजातीय समुदाय का समग्र विकास होगा, बल्कि पूरे देश में समान अवसरों और सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा। यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे में सुधार करेगा, जो प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार बनेगा। अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के लिए ठोस कार्य योजना तैयार की गई है, जिससे यह अभियान प्रदेश और देश के समग्र विकास में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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