महिला आयोग का यूपी सरकार को प्रस्ताव : महिलाओं के कपड़ों की माप न लें पुरुष टेलर

महिलाओं के कपड़ों की माप न लें पुरुष टेलर
UPT | यूपी राज्य महिला आयोग

Nov 09, 2024 00:40

यूपी राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि पुरुष टेलर महिलाओं की माप नहीं ले सकता है।

Nov 09, 2024 00:40

Short Highlights
  • यूपी राज्य महिला आयोग का कहना पुरुष टेलर महिलाओं की माप नहीं ले सकते
  • महिला आयोग ने कोचिंग सेंटरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया है
  • जिम और योगा सेंटरों में महिला ट्रेनर्स का होना जरूरी
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा अपडेट है। उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यूपी राज्य महिला आयोग ने सार्वजनिक स्थानों और विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं। इसमें कहा गया है कि पुरुष टेलर महिलाओं की माप नहीं ले सकता है। इन सिफारिशों का उद्देश्य महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना है। जहां वे बिना किसी डर या असुविधा के अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को आसानी से कर सकें। महिला आयोग ने इस संदर्भ में पुरुष दर्जियों को महिलाओं का माप लेने से रोकने के साथ-साथ जिम सेंटर में महिला ट्रेनर्स, स्कूल बसों, कोचिंग सेंटर में महिलाओं की आवश्यकता पर सुझाव दिए हैं।



महिलाओं का माप नहीं ले सकेंगे पुरुष दर्जी
महिला आयोग का मानना है कि बुटीक और दर्जी की दुकानों पर महिलाओं का माप लेने के दौरान पुरुष दर्जियों की उपस्थिति कई बार महिलाओं के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है। इसे देखते हुए आयोग ने प्रस्ताव रखा है कि अब महिलाओं का माप केवल महिला दर्जी द्वारा लिया जाना चाहिए। इसके अलावा आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि बुटीक और दर्जी केंद्रों में सीसीटीवी निगरानी अनिवार्य की जाए, ताकि किसी भी संभावित समस्या पर नियंत्रण रखा जा सके और एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके।

जिम और योगा सेंटर में महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता
महिला आयोग ने जिम और योगा सेंटरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं। इन केंद्रों पर महिला ट्रेनर की उपस्थिति को अनिवार्य करने का सुझाव दिया गया है ताकि महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, जिम और योगा सेंटरों में डीवीआर के साथ सीसीटीवी कैमरों का उपयोग अनिवार्य किया गया है, ताकि सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जा सके। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को इन संस्थानों में सुरक्षित महसूस कराना और किसी भी अप्रिय घटना की रोकथाम के लिए उचित निगरानी व्यवस्था स्थापित करना है।

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स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी की आवश्यकता
महिला आयोग ने स्कूलों के परिवहन तंत्र में भी सुधार की सिफारिश की है। स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या महिला शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे यात्रा के दौरान छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस सुझाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चियां स्कूल से घर और घर से स्कूल तक एक सुरक्षित यात्रा कर सकें और उनके अभिभावकों को भी एक सुरक्षित वातावरण का भरोसा हो सके।

कोचिंग सेंटर में सीसीटीवी निगरानी और बुनियादी सुविधाएं
महिला आयोग ने कोचिंग सेंटरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि छात्राओं की सुरक्षा की निगरानी की जा सके। इसके साथ ही, आयोग ने कहा है कि कोचिंग सेंटरों में उचित शौचालय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि छात्राओं को असुविधा का सामना न करना पड़े। यह पहल महिलाओं के लिए सुरक्षित शिक्षण संस्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।

महिला कर्मचारियों की नियुक्ति पर जोर
महिला आयोग ने उन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो विशेष रूप से महिलाओं के कपड़े और सामान बेचते हैं। ऐसे स्टोर्स में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति पर जोर दिया गया है, ताकि ग्राहकों को आरामदायक और सुरक्षित खरीदारी का अनुभव मिल सके। आयोग का मानना है कि यह कदम महिलाओं को खरीदारी के दौरान असुविधाजनक स्थिति से बचाने में सहायक होगा और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा।

आयोग के प्रस्तावों की समीक्षा और क्रियान्वयन की तैयारी
लखनऊ में 28 अक्टूबर को आयोजित बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा की गई और महिला आयोग के सदस्यों ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मंथन किया। महिला आयोग के इन प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए पहले इनकी व्यवहार्यता पर निर्णय लिया जाएगा। एक बार इन्हें मंजूरी मिलने के बाद, इन दिशा-निर्देशों को नीति के रूप में तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा ताकि जमीनी स्तर पर इन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

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