उपभोक्ताओं की अक्सर शिकायत रहती है कि मीटर रीडर उनकी अनुपस्थिति में ही रीडिंग दर्ज कर देता है और गलत बिल बनाकर भेज देता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एक नई तकनीक आधारित बिलिंग व्यवस्था लागू की है।
बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत : UPPCL ने शुरू की OCR और प्रोब बिलिंग व्यवस्था, मीटर स्कैनिंग से होगी सटीक रीडिंग
Nov 13, 2024 01:37
Nov 13, 2024 01:37
- ओसीआर बिलिंग प्रणाली में बिजली मीटर की रीडिंग को स्कैन किया जाएगा
- UPPCL ने लागू की OCR और प्रोब बिलिंग प्रणाली
- गलत रीडिंग की शिकायतें कम होंगी
उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान
उपभोक्ताओं की अक्सर शिकायत रहती है कि मीटर रीडर उनकी अनुपस्थिति में ही रीडिंग दर्ज कर देता है और गलत बिल बनाकर भेज देता है। कई बार बिल में यूनिट का आंकड़ा ज्यादा दिखाया जाता है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक बिल चुकाना पड़ता है। इसे देखते हुए विभाग ने OCR और प्रोब बिलिंग प्रणाली को लागू किया है ताकि बिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो सके। रीडर के साथ अब विभाग का एक संविदा कर्मचारी भी रहेगा जो इस प्रक्रिया पर नजर रखेगा और सुनिश्चित करेगा कि बिल सही तरीके से बने। इससे उपभोक्ताओं को यह विश्वास रहेगा कि उनका बिजली बिल वास्तविक खपत के अनुसार ही बना है।
OCR और प्रोब बिलिंग क्या है?
विभाग द्वारा शुरू की गई ओसीआर बिलिंग प्रणाली में बिजली मीटर की रीडिंग को स्कैन किया जाएगा। OCR तकनीक में मीटर की फोटो ली जाती है और उस फोटो के जरिए मशीन स्वयं ही रीडिंग को पढ़कर सटीक बिल तैयार कर देती है। इससे मीटर रीडर की गलती की संभावना नहीं रहती क्योंकि रीडर को रीडिंग मैन्युअली दर्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती। जहां OCR सिस्टम काम नहीं करेगा, वहां प्रोब बिलिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। प्रोब एक विशेष प्रकार का डिवाइस है, जो मीटर से जुड़ता है और उसकी रीडिंग को सीधे मोबाइल एप में भेजता है। यह प्रोब डिवाइस मीटर की रीडिंग को रीड करता है और इस जानकारी को मोबाइल पर भेजता है, जहां से सटीक बिल तैयार होता है। इस प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को तुरंत सही बिल मिल जाता है और गलत रीडिंग की शिकायतें कम होंगी।
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प्रोब बिलिंग से OCR प्रणाली तक का सफर
विभाग ने प्रोब बिलिंग का परीक्षण किया था, जिसमें एक प्रोब डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता था जो मीटर और मोबाइल के बीच कनेक्ट किया जाता था। यह डिवाइस मीटर की रीडिंग को सीधे मोबाइल एप पर भेज देता था जिससे तुरंत बिल तैयार हो जाता था। हालांकि सभी मीटरों में प्रोब डिवाइस काम नहीं कर पा रहा था, जिससे उपभोक्ताओं को सही बिल नहीं मिल पा रहे थे और समस्या बनी हुई थी। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने OCR बिलिंग को लागू किया, जो अपेक्षाकृत सरल और प्रभावी है। OCR बिलिंग में मीटर की फोटो खींचकर सटीक रीडिंग दर्ज की जाती है। फोटो को स्कैन करके वास्तविक रीडिंग को एप में दर्ज किया जाता है और इसी आधार पर बिल तैयार किया जाता है।
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