यूपीपीसीएल निजीकरण : उपभोक्ता बोले- भाजपा के संकल्प पत्र में नहीं पीपीपी मॉडल, सीएम योगी फैसले पर करें पुनर्विचार

उपभोक्ता बोले- भाजपा के संकल्प पत्र में नहीं पीपीपी मॉडल, सीएम योगी फैसले पर करें पुनर्विचार
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Dec 08, 2024 10:19

युवा बेरोजगारों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाई जाए कि कई सालों से युवा पॉलिटेक्निक, बीटेक, आईटीआई करने के बाद सबसे बड़े तकनीकी बिजली विभाग में नौकरी के लिए सरकारी क्षेत्र में आस लगाए बैठे थे। उन्हें उम्मीद थी कि वैकेंसी निकलेगी और वह सरकारी संस्थान से जुड़कर काम कर सकेंगे। युवाओं का ये इंतजार लंबे समय से अभी तक चल रहा है।

Dec 08, 2024 10:19

Lucknow News : प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण के खिलाफ ऊर्जा संगठन उपभोक्ताओं की राय जानकर उनका फीडबैक लेने में जुटे हैं। इसके जरिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को आइना दिखाने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में उपभोक्ता परिषद के ऑनलाइन वेबिनार में आम लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी।

घोषणा पत्र से अलग पीपीपी मॉडल अपनाने पर उठे सवाल
प्रदेश के विभिन्न जनपदों से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं से लेकर प्रतियोगी परीक्षा की  तैयारी कर रहे युवाओं और छात्रों ने ने इसमें अपनी बात रखी। बड़ी संख्या में विद्युत उपभोक्ताओं ने उपभोक्ता परिषद के सामने यह मुद्दा उठाया कि प्रदेश सरकार के सामने यह बात रखी जाए कि भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र में कहीं भी यह मुद्दा नहीं रखा था कि बिजली कंपनियों को पीपीपी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र में दिया जाएगा। ऐसे में अब घोषणा पत्र से इतर पीपीपी मॉडल में दिए जाने की बात क्यों हो रही है। 



युवा यूपीपीसीएल में भर्ती की बाट जोह रहे, मिला निजीकरण का तोहफा
साथ ही बड़ी संख्या में युवा बेरोजगारों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाई जाए कि कई सालों से युवा पॉलिटेक्निक, बीटेक, आईटीआई करने के बाद सबसे बड़े तकनीकी बिजली विभाग में नौकरी के लिए सरकारी क्षेत्र में आस लगाए बैठे थे। उन्हें उम्मीद थी कि वैकेंसी निकलेगी और वह सरकारी संस्थान से जुड़कर काम कर सकेंगे। युवाओं का ये इंतजार लंबे समय से अभी तक चल रहा है। ऐसे में नौकरी तो नहीं निकली उल्टा पीपीपी मॉडल का तोहफा दे दिया गया है। युवाओं ने इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने वाल किया कि आखिर युवा लंबे समय से तैयारी करने के बाद अब नौकरी पाएंगे? निजीकरण के फैसला करते वक्त उनके हितों की क्यों अनदेखी की गई।
       
किसी भी हाल में निजीकरण मंजूर नहीं 
युवा उपभोक्ता रितु यादव, हरेंद्र कुमार, विजय सिंह कुशवाहा, राहुल सिसोदिया, विनोद कुमार गुप्ता, प्रदीप सिंह बिष्ट, आदित्य भूषण, अमित कुमार, अंकुर यादव, अनुपम राय, राजकुमार पाराशर, साकेत व्यास, प्रशांत पचौरी और संदीप कुमार गुप्ता आदि ने कहा कि किसी भी हालत में निजीकरण नहीं होना चाहिए। निजीकरण से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। निजी घराने केवल अपनी जब भरेंगे। सभी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनहित में निजीकरण का फैसला वापस करने की मांग की। उन्होंने कहा कि निजीकरण से सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को भी बहुत बड़ा झटका लगेगा।

उपभोक्ता परिषद शासन तक पहुंचा रहा जनता की आवाज
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं को यह भरोसा दिलाया कि संगठन उनकी मांगों को उच्च स्तर पर मुख्यमंत्री के सामने रखोगा। उन्होंने जानकारी दी जाएगी कि प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता किसी भी रूप में निजीकरण नहीं चाहता है। इसलिए इस पर पुनर्विचार किया जाएगा। 

उपभोक्ताओं के हित में नहीं है निजीकरण
उपभोक्ताओं की मांग जायज है कि जब भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में बिजली क्षेत्र को निजी क्षेत्र में देने का निर्णय नहीं किया तो अब बीच में बिजली को निजी क्षेत्र में देने का फैसला क्यों किया जा रहा है। यह किसी भी प्रकार से प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। प्रदेश में नौकरी पाने की आस में तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी जरूरी है कि निजीकरण का फैसला वापस किया जाए।

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