उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्म ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने जहां 2025-26 के लिए कल 28120 करोड़ की वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल की है। वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से 23009 करोड़ की वार्षिक राजस्व आवश्यकता बताई गई हैं।
UPPCL PPP Model : उपभोक्ता परिषद नियामक आयोग में पेश करेगा आत्मनिर्भर सुधार मॉडल, भ्रष्टाचार पर सीधे बर्खास्तगी का प्रस्ताव
Jan 01, 2025 17:43
Jan 01, 2025 17:43
सभी बिजली कंपनियों की दाखिल की जा चुकी है एआरआर
उपभोक्ता परिषद ने बुधवार को जानकारी दी कि वर्तमान में पूर्वांचल और दक्षिणांचल सहित सभी बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) वर्ष 2025-26 की दाखिल की जा चुकी है। ऐसे में दोनों बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो मसौदा नियामक आयोग में प्रस्तुत किया जाएगा, वह वर्ष 2025-26 के वार्षिक राज्य आवश्यकता के घाटे के आकलन पर आधारित होगा। कानून के तहत वर्ष 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल किया चुका है। इसलिए अप्रैल 2026 तक कानून दोनों बिजली कंपनियों को पीपीपी मॉडल में नहीं दिया जा सकता। विद्युत नियामक आयोग ने भी वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद अब बहुत जल्दी डिफिशिएंसी नोट जारी होने की उम्मीद है, इसलिए उसको आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का घाटा 5425 करोड़
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्म ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने जहां 2025-26 के लिए कल 28120 करोड़ की वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल की है। वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से 23009 करोड़ की वार्षिक राजस्व आवश्यकता बताई गई हैं। इस प्रकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का जो कुल गैप सब्सिडी को जोड़ते हुए वर्ष 2025-26 के लिए निकाला गया है, वह 2988 करोड़ है। इसी तरह दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का कुल गैप यानी घाटा लगभग 2437 करोड़ है। इन्हें मुख्य आधार मानकर आत्मनिर्भर प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को खरीदनी है 38345 करोड़ की बिजली
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जहां पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को वर्ष 2025-26 में लगभग 21456 करोड़ की केवल बिजली खरीदनी है। वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को भी लगभग 16889 करोड़ की बिजली विक्रय करना है। इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से अध्ययन कर ऐसा मॉडल तैयार किया जाएगा, जो वित्तीय तकनीकी पहलुओं पर पूरी तरीके से मानक पर खरा उतरेगा। इसके आधार पर विद्युत नियामक आयोग को संतुष्ट कराने की कोशिश होगी कि इस मॉडल को लागू करने के बाद दोनों निगम स्वत: आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर होंगे। इसका व्यापक लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलेगा।
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