यूपी में अब रोडवेज चालक 62 साल तक दे सकेंगे सेवाएं : आदेश जारी, जानें किन्हें मिलेगा मौका

आदेश जारी, जानें किन्हें मिलेगा मौका
UPT | UP Roadways

Sep 04, 2024 21:22

प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियों में जुटी है। इसमें देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। लोगों की सुविधा के मद्देनजर हजारों की संख्या में नई बसें संचालित की जाएंगी। ऐसे में अनुभवी चालकों का होना बेहद जरूरी है। प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद रोडवेज रिटायरमेंट के बाद भी अपने चालकों से सेवाएं ले सकेगी।

Sep 04, 2024 21:22

Lucknow News : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के चालकों से 62 वर्ष की उम्र तक सेवाएं लेने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। चालकों की कमी से जूझ रही यूपी रोडवेज को इससे राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि चालकों का रिटायरमेंट पहले की तरह 60 वर्ष की उम्र में ही होगा। लेकिन, अब वह इसके बाद भी दो साल तक काम कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें छह-छह माह के अनुबंध पर काम करना होगा।

सीएमओ की रिपोर्ट होगी अहम
यात्रियों के लिए यातायात सुगम बनाने के लिए परिवहन निगम के अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों व आरएएम को इस संबंध में आदेश जारी​ कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जिन चालकों की उम्र 60 वर्ष पूरी हो चुकी है, उनका हर छह महीने पर स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण कराया जाए। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की रिपोर्ट के आधार पर उनसे 62 वर्ष तक सेवाएं ली जाएं। अहम बात है कि रोडवेज के अफसर इस बात पर ध्यान देंगे कि चालक ने पिछले तीन साल में औसतन 2500 किलोमीटर वाहनों का संचालन किया हो। साथ ही दो वर्ष में उससे कोई बड़ी सड़क दुर्घटना नहीं हुई हो। ये इस रिपोर्ट के आधार पर ही उसको छह महीने के अनुबंध पर काम करने का मौका मिलेगा।

आउटसोर्सिंग पर नहीं मिल रहे चालक
प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियों में जुटी है। इसमें देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। लोगों की सुविधा के मद्देनजर हजारों की संख्या में नई बसें संचालित की जाएंगी। ऐसे में अनुभवी चालकों का होना बेहद जरूरी है। प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद रोडवेज रिटायरमेंट के बाद भी अपने चालकों से सेवाएं ले सकेगी। इससे उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम को राजस्व का भी लाभ होगा। वर्तमान में कई बार चालकों की कमी की वजह से बसों को डिपो पर ही खड़े करना मजबूरी होता है। इससे यात्रियों को भी असुविधा होती है। हालांकि यूपीएसआरटीसी में 10 हजार परिचालकों की भर्ती का फैसला पहले ही किया जा चुका है। लेकिन, कम वेतन होने की वजह से आउटसोर्सिंग के जरिये चालकों की भर्ती को लेकर उतने आवेदक नहीं मिल रहे हैं, जितनी उम्मीद की जा रही थी। इससे कई बसें ऑफ रूट हो रही हैं। ऐसे में इस फैसले से स्थिति में सुधार होने की संभावना है।

इन मापदंडों पर खरा उतरना जरूरी
  • 60 साल की उम्र पूरी होने वाले उन्हीं चालकों को मौका मिलेगा, जो मेडिकल टेस्ट में फिट पाए जाएंगे।
  • रोडवेज से नियमित या संविदा पर सेवानिवृत्त चालक ही इस योजना के दायरे में आएंगे।
  • 62 वर्ष उम्र तक प्रत्येक छह महीने पर फिटनेस टेस्ट देना जरूरी है।
  • चालक को सेवाकाल के पिछले तीन साल में मासिक औसतन 2500 किलोमीटर बस चलाने का अनुभव होना चाहिए।
  • पिछले तीन साल में कोई बड़ी दुर्घटना वाले चालकों को सेवा का अवसर नहीं मिलेगा।
  • 60 साल के बाद बस चलाने वाले चालकों को लंबे रूट पर नहीं भेजा जाएगा।
  • चालक को 250 किलोमीटर की सीमा में ही बस चलाने की अनुमति मिलेगी।

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