भूमि को अत्यधिक उपजाऊ बनाने की खोजी तकनीक : बीबीएयू वैज्ञानिक को उज़्बेकिस्तान सरकार ने किया सम्मानित

बीबीएयू वैज्ञानिक को उज़्बेकिस्तान सरकार ने किया सम्मानित
UPT | बीबीएयू वैज्ञानिक को उज़्बेकिस्तान सरकार ने किया सम्मानित।

Nov 20, 2024 18:07

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा को उज़्बेकिस्तान सरकार के कृषि मंत्रालय ने सम्मानित किया है।

Nov 20, 2024 18:07

Lucknow News : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा को उज़्बेकिस्तान सरकार के कृषि मंत्रालय ने सम्मानित किया है। बीबीएयू प्रोफेसर को यह सम्मान उनके उत्कृष्ट शोध के लिए दिया गया। प्रो. अरोड़ा का इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ इकोलॉजी, एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट कार्यक्रम में पर्यावरणीय स्थिरता और सतत विकास के क्षेत्र में अहम योगदान है। इ​सके लिए उन्हें उज़्बेकिस्तान के कृषि मंत्रालय की प्रमुख संस्था 'द इंटरनेशनल स्ट्रेटजिक सेंटर फॉर एग्री-फूड डेवलपमेंट' की ओर से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति एनएमपी वर्मा ने प्रो. अरोड़ा की इस सफलता को विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय बताया।

तीन साल तक किया शोध
प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ उज़्बेकिस्तान और नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी उज़्बेकिस्तान के साथ मिलकर पर्यावरण एवं भूमि पुनर्स्थापन के क्षेत्र में लगतार तीन साल तक शोध कार्य किया। इसके तहत जैविक खेती से जैव‌ उर्वरकों का इस्तेमाल करके कम उपजाऊ भूमि को पुनः और भी अधिक उपजाऊ बनाया गया। जिसके फलस्वरूप पहले से अधिक उपजाऊ भूमि का प्रयोग फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किया जायेगा। इसमें जैव प्रौद्योगिकी और विभिन्न सूक्ष्म जीवों का इस्तेमाल करने के साथ ही पर्यावरण अनुकूलन को विशेष ध्यान रखा गया। जिसके सकारात्मक परिणाम वहां की फसलों में लगातार देखने को मिल रहे हैं। यह शोध कार्य प्रयोगशाला से भूमि तक अनुवाद संबंधी अनुसंधान का एक उत्कृष्ट उदाहरण साबित हुआ है।



जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध
प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा ने बताया कि उज़्बेकिस्तान के शोधार्थियों प्रो. दिलफुजा एगांबेरदिवा और उनके अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर जैविक खेती को बढ़ावा देने का काम किया है। जिसके सफल परिणाम भूमि की उर्वरा शक्ति और फसलों का उत्पादन बढ़ाने के माध्यम से देखने को मिल रहे हैं। साथ ही भविष्य में नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी उज़्बेकिस्तान में जैव प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके विभिन्न जैव उर्वरकों का निर्माण किया जायेगा। दोनों देशों की शोध टीमों द्वारा उज़्बेकिस्तान में कृषि के क्षेत्र में बेहतर शोध कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वहां की भूमि की स्थिति को बेहतर बनाने के साथ- साथ शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के मध्य आपसी संबंध स्थापित हो सकें। प्रोफेसर अरोड़ा ने बताया कि वह यह पुरस्कार पाकर बहुत खुश हैं। उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।

बीबीएयू में प्रो. मनीष वर्मा बने मुख्य सतर्कता अधिकारी
अम्बेडकर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. मनीष कुमार वर्मा को मुख्य सतर्कता अधिकारी बनाया गया है। यह जिम्मेदारी प्रो. मनीष कुमार वर्मा को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई है। इसके अतिरिक्त प्रो. वर्मा अम्बेडकर स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसेज के संकायाध्यक्ष एवं समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं।

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