सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के बाद सोनभद्र जेल में बंद सुंदर भाटी...
Lucknow News : कुख्यात सुंदर भाटी रिहा, फ्लाइट से पहुंचा दिल्ली, सपा नेता की हत्या में मिली थी उम्रकैद
Oct 26, 2024 12:04
Oct 26, 2024 12:04
- कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को हाईकोर्ट से जमानत।
- जमानत मिलते सुंदर भाटी फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा।
- सुंदर भाटी पर गंभीर अपराध के 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
यूपी में सुंदर भाटी का वर्चस्व कायम
सुंदर भाटी पर हत्या, अवैध वसूली और जानलेवा हमले समेत 60 से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज हैं। वह न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बल्कि पूर्वांचल में भी अपने आपराधिक कनेक्शन के कारण चर्चा में रहा है। इस साल अप्रैल में प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद सुंदर भाटी का नाम फिर से सुर्खियों में आया था, क्योंकि हत्याकांड में शामिल एक शूटर ने हमीरपुर जेल में भाटी के साथ वक्त बिताया था। इसे लेकर यह अफवाहें फैली थीं कि विदेशी (जिगाना) पिस्टल उन्हीं के माध्यम से शूटर्स तक पहुंचाई गई थी।
कभी एक साथ काम करते थे दुजाना और सुंदर भाटी
सुंदर भाटी की रिहाई के बाद ग्रेटर नोएडा में स्क्रैप और सरिया कारोबार पर कब्जे की जंग एक बार फिर भड़कने की संभावना जताई जा रही है। कभी अनिल दुजाना और सुंदर भाटी एक साथ काम करते थे, लेकिन बाद में दोनों के रास्ते जुदा हो गए। हालांकि मई 2023 में मेरठ में यूपी एसटीएफ ने अनिल दुजाना को मुठभेड़ में मार गिराया था।
रविन्द्र नागर होगा निशाने पर
सुंदर भाटी के जेल से बाहर आने के बाद जेल में बंद रविन्द्र नागर उसके निशाने पर हो सकता है। रविन्द्र नागर सपा नेता हरेंद्र नागर का भाई और सुंदर भाटी के खिलाफ दर्ज हत्या के मुकदमे में वादी और मुख्य पैरोकार है। रविन्द्र की पैरवी के बाद ही सुंदर भाटी समेत 11 लोगों को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है करीबी कनेक्शन
आपराधिक दुनिया में चर्चा है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग और सुंदर भाटी गैंग आपस में जुड़े हैं। दरअसल, यूपी के कुछ बड़े हत्याकांड में इन दोनों गैंग के शामिल होने के तमाम कनेक्शन मिले हैं। लखनऊ में हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में लॉरेंस गैंग का राजन जाट और सुंदर भाटी गैंग के राजेश तोमर व संदीप सिंह बाबा शामिल थे। इस हत्याकांड में भी जिगाना पिस्टल के इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी। इसी तरह अतीक-अशरफ हत्याकांड में भी जिगाना पिस्टल इस्तेमाल की बात सामने आई थी। जिगाना पिस्टल लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ट्रेड मार्क मानी जाती है। पाकिस्तान के रास्ते ये पिस्टल पंजाब आई थी। पिस्टल की तस्करी में लॉरेंस गैंग का नाम सामने आया था। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी इस पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था। चित्रकूट जेल में मुकीम काला और मुख्तार के करीबी मेराज को अंशू दीक्षित ने जिस पिस्टल से गोलियां मारी थीं, वह भी जिगाना ही थी। इन सभी हत्याओं में पैटर्न, हथियार और गैंग कनेक्शन लगभग एक समान थे।
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