उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को नई सौगात देते हुए प्रदेश में लहसुन की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान योजना की घोषणा की है।
योगी सरकार का बड़ा कदम : यूपी में लहसुन की खेती पर किसानों को मिलेगा अनुदान, 45 जिलों में लागू होगी योजना
Nov 08, 2024 00:39
Nov 08, 2024 00:39
छोटे और बड़े किसान दोनों ही उठा सकेंगे इसका लाभ
इस योजना के तहत, लहसुन की खेती पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत यानी अधिकतम 12 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। सरकार द्वारा निर्धारित की गई कुल लागत प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये है, जिसमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। अनुदान का लाभ न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4 हेक्टेयर तक की भूमि पर मिलेगा, जिससे छोटे और बड़े किसान दोनों ही इसका लाभ उठा सकेंगे।
45 जिलों में लागू होगी योजना
इस योजना का क्रियान्वयन सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, लखनऊ, कन्नौज, कानपुर, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलिया, महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, झांसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, जालौन, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर और फर्रुखाबाद सहित 45 जिलों में होगा।
इस पहले से लहसुन की बेहतर खेती करने के लिए प्रेरित
किसानों को उच्च गुणवत्ता का लहसुन का बीज उपलब्ध कराने के लिए, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली से 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बीज प्राप्त किया जाएगा। यह पहल किसानों को लहसुन की बेहतर खेती करने के लिए प्रेरित करेगी, जो बाजार में लाभदायक साबित हो सकती है।
आधिकारिक वेबसाइट पर भी पंजीकरण
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान ‘प्रथम आवक, प्रथम पावक’ के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक किसान अपने जिले के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, वे उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी पंजीकरण कर सकते हैं, जहां से उन्हें विस्तृत जानकारी और अनुदान प्रक्रिया का लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में लहसुन की खेती पर यह अनुदान योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी बल्कि राज्य में लहसुन की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा देगी। इससे लहसुन की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी सहूलियत होगी, जो कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय लहसुन की मांग को भी पूरा कर सकता है।