योगी सरकार फसल गहनता को बढ़ाने के लिए जोरशोर से काम कर रही है। सरकार ने इस दिशा में एक कमांड सेंटर की स्थापना की है, जो विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत किए गए खेती योग्य क्षेत्र की सही जांच कर रहा है।
योगी सरकार का फोकस : प्रदेश में फसल सघनता बढ़ाने के लिए नई पहल, कमांड सेंटर से सघनता का आकलन और सटीक डाटा संग्रह
Oct 12, 2024 14:57
Oct 12, 2024 14:57
फसल गहनता: बढ़ती आबादी की खाद्य जरूरतों का समाधान
फसल गहनता एक ऐसी कृषि तकनीक है, जिसके माध्यम से एक ही खेत से एक कृषि वर्ष के दौरान एक से अधिक फसलों की पैदावार की जा सकती है। यह तकनीक तेजी से बढ़ती जनसंख्या की खाद्य और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत में स्वतंत्रता के बाद से शुद्ध बुआई क्षेत्र में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन अब यह बिंदु आ चुका है जहां और वृद्धि संभव नहीं है। ऐसे में फसल गहनता को अपनाकर प्रति इकाई भूमि से अधिक उत्पादन प्राप्त करना आवश्यक हो गया है। जापान जैसे देशों ने इस तरह की तकनीक को पहले ही अपना लिया है और इससे उन्हें उच्च कृषि उत्पादन में सहायता मिली है।
प्रस्तुतिकरण में सामने आए आंकड़े और कमांड सेंटर की भूमिका
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक प्रस्तुतिकरण हुआ, जिसमें कृषि विभाग और उद्यान विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों और कमांड सेंटर के डाटा में अंतर पाया गया। इसके बाद, विभागों को आम, केले, गन्ने और अन्य बागवानी फसलों का डेटा फिर से एकत्र करने के निर्देश दिए गए।
कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में 169.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में एक बार फसल बोई गई है। जबकि कमांड सेंटर के सैटेलाइट डेटा के मुताबिक, खरीफ और रबी का कुल कॉमन क्षेत्रफल 96.49 लाख हेक्टेयर है और खरीफ, रबी तथा जैद का कुल कॉमन क्षेत्रफल 28.85 लाख हेक्टेयर है। कुल मिलाकर, वास्तविक बोया गया क्षेत्रफल 177.41 लाख हेक्टेयर है।
उत्तर प्रदेश: फसल गहनता में देश के औसत से आगे
उत्तर प्रदेश 177.10 प्रतिशत की फसल गहनता के साथ देश के औसत (155.40 प्रतिशत) से बेहतर स्थिति में है। इस मामले में मध्य प्रदेश (189.90 प्रतिशत), हरियाणा (181.80 प्रतिशत) और पंजाब (192.50 प्रतिशत) भी प्रदेश के साथ अग्रणी राज्यों में शामिल हैं।
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