परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का अनुकरणीय वातावरण बनाकर उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश के रूप में स्थापित करने की दिशा में योगी सरकार आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में मंगलवार को सभी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा सप्ताह...
शिक्षा सप्ताह : परिषदीय शिक्षकों ने ली शपथ, यूपी को बनाएंगे निपुण प्रदेश
Jul 23, 2024 17:50
Jul 23, 2024 17:50
प्रतिदिन एक विशिष्ट विषय का आयोजन
शिक्षा सप्ताह के दूसरे दिन, उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने एक महत्वपूर्ण शपथ ली। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे बच्चों को आवश्यक कौशल सिखाएंगे और अपने विद्यालयों तथा पूरे राज्य को 'निपुण' बनाने के लिए काम करेंगे। शिक्षकों ने न केवल स्वयं को इस लक्ष्य के प्रति समर्पित किया, बल्कि अपने सहकर्मियों को भी इसके लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने ब्लॉक और जिले को भी निपुण बनाने की शपथ ली। उनका उद्देश्य है कि निपुण विद्यालयों से निपुण ब्लॉक, जिले और एक निपुण राज्य का निर्माण हो। इस कार्य के लिए उन्होंने अपना पूरा समर्पण देने का वादा किया। यह कार्यक्रम सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए चलाया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन एक विशिष्ट विषय पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में तार्किक क्षमता का विकास करना है।
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आयोजित हुए ये कार्यक्रम
- शिक्षकों के उपयोगार्थ नवाचारी शिक्षण पद्धतियों और आनंदमय शिक्षण पर इंट्रैक्टिव सत्र चले।
- अभिभावकों के साथ संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
- बच्चों के लिए इंट्रैक्टिव लर्निंग सेशन चलाए गए।
- रोचक गतिविधियां चलीं और खेल का आयोजन हुआ।
- कला एवं शिल्प आधारित गतिविधियाँ बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को विकसित करने के लिए कला एवं शिल्प गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
- अभिभावकों/शिक्षकों को एफएलएन पाठ्यक्रम में कला और शिल्प को एकीकृत करने के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
- वीडियो दिखाकर एफएलएन के महत्व के बारे में बताया गया। और जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- 'निपुण शपथ ग्रहण' कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
- बच्चों को पढ़ने के लिए पुस्तक सत्र भी चले।
- मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता से संबंधित सांस्कृतिक गतिविधियां हुईं।
- कहानी सुनाने के माध्यम से भाषा विकास पर भी जोर दिया गया।
- बच्चों के लिए खिलौनों के माध्यम से सीखने और खेल पर आधारित बैठक का आयोजन किया गया।
- कठपुतली-शो जैसी गतिविधियों का आयोजन हुआ।
- स्थानीय समुदाय में जन-जागरूकता अभियान आयोजित करने की सीख मिली।
- कार्यक्रमों में स्थानीय नेताओं और प्रभावशाली लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा माताओं और बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
- पैनल चर्चा कराने पर जोर देते हुए इसमें शिक्षा विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा की गई।
- भविष्य की दिशाएं और नवाचारों पर विश्लेषण करने के टिप्स मिलते हैं।
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