प्रस्तावित नियमावली के अनुसार, वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी गई है। उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाते हुए निगरानी को अधिक कड़ा किया जाएगा, ताकि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
यूपी में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नई नियमावली की तैयारी : न्यूनतम आयु में इजाफा, सिर्फ ये बन सकेंगे मुतवल्ली
Nov 06, 2024 10:10
Nov 06, 2024 10:10
न्यूनतम आयु सीमा में भी बदलाव
इसके अतिरिक्त, मुतवल्ली बनने के लिए आयु सीमा को भी संशोधित किया जा रहा है। पहले न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 वर्ष किया जाएगा। इस निर्णय से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक परिपक्वता और समझदारी लाने की उम्मीद है, ताकि महत्वपूर्ण संपत्तियों का प्रबंधन जिम्मेदारीपूर्वक किया जा सके।
वक्फ अधिनियम के अंतर्गत नई नियमावली का मसौदा
उत्तर प्रदेश में वक्फ अधिनियम, 1995 (संशोधित, 2013) लागू है, जिसके अंतर्गत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस नियमावली पर विचार-विमर्श किया गया। हालांकि, इसे अभी अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में पुनः प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ, नियमावली में वक्फ संपत्तियों का उपयोग आम जनता के लाभ के लिए करने के प्रावधान भी जोड़े जा सकते हैं।
वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण और निगरानी में सुधार
प्रस्तावित नियमावली के अनुसार, वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी गई है। उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाते हुए निगरानी को अधिक कड़ा किया जाएगा, ताकि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों के नियमित चुनाव की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता बनी रहे।
अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त प्रावधान
वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान भी प्रस्तावित हैं। भ्रष्ट और अयोग्य मुतवल्लियों को हटाने के लिए कानूनी उपायों का भी समावेश किया जा रहा है। इसके तहत, प्रत्येक वर्ष वक्फ संपत्तियों के आय-व्यय का ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। इससे वक्फ संपत्तियों की वित्तीय स्थिति पर निगरानी रखी जा सकेगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।
वक्फ संपत्तियों की संख्या और प्रकार
प्रदेश में इस समय लगभग 1.30 लाख वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं, जिनमें जमीन, दुकानें, मकान, कब्रिस्तान, मस्जिदें और इमामबाड़े शामिल हैं। इन संपत्तियों का उद्देश्य सार्वजनिक और धार्मिक कार्यों में उपयोग करना है। सरकार की नई नियमावली से उम्मीद है कि वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग हो सकेगा और इनके दुरुपयोग पर रोक लगाई जा सकेगी।
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