किसानों के कृषि कार्य को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेला को देश-प्रदेश के भाग्य का मेला बताया। उन्होंने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और अविष्कारों को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कृषि विवि में किसान मेला : मेरठ में बोले कृषि मंत्री-'पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल वरदान'
Oct 16, 2024 23:19
Oct 16, 2024 23:19
- सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कृषि मेला
- कृषि उद्यमिता-समृद्ध किसान विषय पर उद्योग प्रदर्शनी
- किसान मेले में लगे स्टालों का भ्रमण, पशु प्रदर्शनी का किया अवलोकन
महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित स्टाल की विशेष सराहना की
मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के स्टालों का भ्रमण कर कार्यों की जानकारी प्राप्त कर अच्छे कार्यों की सराहना की। विशेषकर महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित स्टाल की विशेष सराहना की। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसान मेले में लगे स्टालों का भ्रमण किया तथा पशु प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कृषि में नवीन तकनीक को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर
किसानों के कृषि कार्य को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेला को देश-प्रदेश के भाग्य का मेला बताया। उन्होंने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और अविष्कारों को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान मेला और प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक और नए अनुसंधान गाँवों और किसानों तक पहुँचेंगे। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने और फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण भागीदारी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसान मेले ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों से आये किसानों और उद्यमियों को कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का और अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को बाँटने का एक अवसर प्रदान किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण भागीदारी है। राज्य के अन्य स्थानों की तुलना में यहाँ प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता एवं इनके समुचित प्रयोग के कारण विभिन्न फसलों की उत्पादकता अधिक है।
फसल रोजगारपरक होने के साथ-साथ लाभकारी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल एक वरदान है। यह फसल रोजगारपरक होने के साथ-साथ लाभकारी भी है किन्तु इस फसल की उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है। अतः इसकी उत्पादकता को अपेक्षित स्तर पर लाने के प्रयास होने चाहिए। आवश्कयकता इस बात की भी है कि गन्ने से विभिन्न उत्पाद भी तैयार किये जाये। जिससे कि इस फसल को और अधिक लाभप्रद बनाया जा सके।
आज के युवा भारत का भविष्य
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि आज के युवा भारत का भविष्य है। कृषि भारत का आधार है। देश के विकास के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक युवाओं को कृषि से जोड़ा जाए और यह तभी सम्भव है जब कृषि लाभकारी हो। मेरा मानना है कि परम्परागत तरीकों के साथ कृषि के आधुनिक तौर तरीकों का प्रयोग करके खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। कुछ युवाओं, जिन्होंने कृषि में स्नातक डिग्री लेने के बाद खेती को अपनाया है वे काफी सफल रहे है, जरूरत है बस इन्हें प्रोत्साहित करने की।
60 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डा० के०के० सिंह ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जहाँ पर आज भी देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय कृषि में लगभग हर क्षेत्र में क्रान्ति आई है किन्तु घटती हुई जमीन एवं पानी की कमी तथा जलवायु परिवर्तन जैसी विपरीत परिस्थितियों में देश की बढ़ती हुई जनसंख्या को सन्तुलित खाद्य पदार्थों को उपलब्ध करा पाना एक चुनौती है। हमें ऐसी कृषि नीति विकसित करनी होगी जिसमें खर्च कम आये और लाभ अधिक हो इसके लिए कृषि में विविधता एवं कृषि आधारित व्यवसायों को अधिक महत्व देना होगा साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढती हुई प्रतियोगिता में मुकाबला करने के लिए हमें उत्पादन की गुणवत्ता एवं प्रबन्धकीय क्षमता को बढ़ाना होगा। इस वर्ष मेले का विषय ’कृषि उद्यमिता समृद्ध किसान है। देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ हैं परन्तु पोषण सुरक्षा पर अभी और कार्य करने की आवश्यकता हैं।
1750 अशिक्षित महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र में महिला सशक्तिकरण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हैं। महिलाओं को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन लगातार किया जा रहा हैं। माननीया कुलाधिपति महोदया के प्रेरणा से कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 1750 अशिक्षित महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षित किया गया। पदमश्री भारत भूषण त्यागी तथा पदमश्री नरेन्द्र सिंह ने किसान मेले के आयोजन की सफलता की शुभकामना देते हुए किसानों को तकनीकी से रूबरू होने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, समस्त अधिष्ठातागण, निदेशकगण एवं प्रसार निदेशालय के डॉ. सतेन्द्र कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. पीके सिंह, डॉ. एसके लोधी, डॉ. एसके त्रिपाठी, डॉ. हरिओम कटियार एवं अन्य स्टाफ का विशेष सहयोग रहा।
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