Meerut News : देश के 11 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों से ग्रसित, सबसे अधिक डिप्रेशन और एंग्जायटी से पीड़ित

देश के 11 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों से ग्रसित, सबसे अधिक डिप्रेशन और एंग्जायटी से पीड़ित
UPT | लोगों को मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूक किया

Oct 16, 2024 17:56

कार्यक्रम में सभी फैक्ट्री श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम की सफलता ने दर्शाया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर संवाद करना कितना महत्वपूर्ण है।

Oct 16, 2024 17:56

Short Highlights
  • कम्युनिटी मेडिसिन विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ में कार्यक्रम
  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को किया जागरूक 
  • एक सप्ताह चले कार्यक्रम में लोगों को बताए बीमारी से निपटने के तरीके 
Meerut News : विश्च मानसिक स्वास्थ्य दिवस के दिन से शुरू किए गए एक सप्ताह के जागरूकता कार्यक्रम के तहत लोगों को मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस कड़ी में आज प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के मार्गदर्शन एवं कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा जैन तथा सहायक आचार्य डॉ. नीलम गौतम के नेतृत्व में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में एनएनएन स्पोर्ट्स फैक्ट्री सूरजकुंड फैक्ट्री श्रमिकों के लिए जागरूक किया गया।

197·3 मिलियन लोग मानसिक रोगों से पीड़ित
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि देश में 10.6% भारतीय मानसिक बीमारियों से ग्रसित हैं। भारत में किए गए एक सर्वे के अनुसार 197·3 मिलियन लोग मानसिक रोगों से पीड़ित हैं। जिसमे से 45·7 मिलियन लोग डिप्रेशन तथा 44·9 मिलियन लोग एंग्जायटी से पीड़ित हैं। मानसिक रोगों के मरीज भारत में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। 

मानसिक मरीजों में उपचार की देरी
विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा जैन ने मानसिक मरीजों में उपचार की देरी (ट्रीटमेंट गैप) का 85-96% आंकड़े प्रमुख कारण एवं मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता का अभाव, स्टिग्मा, भेदभाव और गलत अवधारणाओं की विस्तृत चर्चा की। 

मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक 
डॉ. नीलम गौतम ने बताया कि मानसिक रोगों के रोकथाम के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर अभियान चलाया गया। जिसमें फैक्ट्री श्रमिकों के लिए एक स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का विषय "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।" रहा। 

सही जानकारी प्रदान करना था
इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सही जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे अपने कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर संवाद करना
कार्यक्रम में सभी फैक्ट्री श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम की सफलता ने दर्शाया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर संवाद करना कितना महत्वपूर्ण है।
उपरोक्त जागरूकता कार्यक्रम में डॉ सरताज, डॉ आशु, डॉ साक्षी, डॉ अंशुल और इंटर्न संकल्प और नितीश उपस्थित रहे। इसके साथ ही, स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजू और सोनू भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।
 

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