पराली जलाने वालों की अब खैर नहीं : डीएम ने क्षेत्र में भेजी टीम, पराली न जलाने की अपील की

 डीएम ने क्षेत्र में भेजी टीम, पराली न जलाने की अपील की
UPT | पराली जलाने से रोकने के लिए जिलाधिकारी ने दिये निर्देश

Oct 16, 2024 23:51

पराली जलाने वालों को अब न सिर्फ कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा, बल्कि जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

Oct 16, 2024 23:51

Short Highlights
  • पराली जलाने के सर्वाधिक मामले टप्पल में मिले
  • डीएम ने की अपील
  • विकासखण्ड वार सौंपी जिम्मेदारी 
Aligarh News : पराली जलाने वालों को अब न सिर्फ कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, बल्कि जुर्माना भी देना पड़ सकता है। जिला मजिस्ट्रेट विशाख जी ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए टीमों का गठन करने के साथ ही, उन्हें क्षेत्र में निरंतर भ्रमण करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने जिलास्तरीय अधिकारियों को विकास खण्डों का आवंटन करते हुए जिम्मेदारी सौंपी है कि पराली न जले और यदि इस तरह की घटना पाई जाती है तो संबंधित के विरूद्ध जुर्माना सुनिश्चित किया जाएं ।

पराली जलाने के सर्वाधिक मामले टप्पल में मिले
 जिलाधिकारी विशाख जी ने खैर तहसील परिसर में जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देशित किया कि बिना एसएमएस या स्ट्रारीपर के यदि कंबाइन हार्वेस्टर का संचालन किया जा रहा है तो संचालक के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। एसडीएम महिमा ने बताया कि खैर क्षेत्र में 38 कंबाइन हार्वेस्टर हैं। पराली जलाने के सर्वाधिक प्रकरण सिमरौठी, टप्पल में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने डीडी एग्रीकल्चर यशराज सिंह के साथ ही गठित टीम को निर्देशित किया कि वह लगातार भ्रमणशील रहकर किसानों को पराली जलने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताएं और यदि कहीं पराली जलने की घटना संज्ञान में आती है तो समुचित कार्यवाही करें। डीएम ने कंबाइन हार्वेस्टर का शत-प्रतिशत सत्यापन कराने के निर्देश देते हुए अधिरोपित जुर्माने को भी वसूले जाने के निर्देश दिए।

 डीएम ने की अपील
जिलाधिकारी ने किसान बंधुओं से अपील करते हुए कहा कि पराली या अन्य कृषि अपशिष्ट को पर्यावरण हित में जलाएं नहीं, बल्कि उचित प्रबंधन कर इसको फसलोपयोगी बनाएं । गौशाला में दान के साथ ही विभिन्न औद्योगिक एवं पैकेजिंग इकाईयों को इसका विक्रय भी किया जा सकता है । 

विकासखंड वार सौंपी जिम्मेदारी
 उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, एसडीएम न्यायिक आशुतोष, डिप्टी कलैक्टर अनिल कटियार, पीपीओ अमित जायसवाल को टप्पल, डीएचओ शिवानी तौमर को खैर, डिप्टी कलैक्टर मोहम्मद अमान को चण्डौस, उप संभागीय कृषि अधिकारी संतोष कुमार प्रभाकर को गंगीरी, भूमि संरक्षण अधिकारी डा0 दिव्या मौर्या को धनीपुर एवं जिला गन्ना अधिकारी मनोज कुमार पाण्डेय को जवां ब्लॉक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने सम्बधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने विकास खण्ड में पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने की घटनाओं की जांच कर प्रत्येक घटना पर अनिवार्य रुप से नियमानुसार जुर्माना वसूल करें । उन्होंने सुपर मैनेजमेन्ट सिस्टम, स्ट्रारीपर या स्ट्रारेक एवं बेलर के बिना कंबाइन हार्वेस्टर चलती हुई पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही कराते हुए कृत कार्रवाई की आख्या उप कृषि निदेशक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। 

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