पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघे जमीन जो यूपी के बागपत जिले के कोताना गांव में स्थित थी। उसको भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति...
बिक गई परवेज मुशर्रफ की जमीन : 1 करोड़ 38 लाख में नीलाम हुई पूर्व राष्ट्रपति की संपत्ति, जानिए कौन है नया मालिक
Sep 06, 2024 20:12
Sep 06, 2024 20:12
पुश्तैनी हवेली और ज़मीन की हुई नीलामी
भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय बहुत से लोग अपने घर-बार छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और उनकी संपत्तियाँ भारत में रह गईं। इन्हीं संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया। बागपत के कोताना गांव में परवेज मुशर्रफ का परिवार विभाजन से पहले रहता था। उनके परिवार की 13 बीघे की संपत्ति गृह मंत्रालय के अधीन थी और इस संपत्ति की नीलामी गुरुवार को गृह मंत्रालय की देखरेख में संपन्न हुई। नीलामी के दौरान इस संपत्ति को तीन लोगों ने मिलकर खरीदा।
पाकिस्तान जाने से पहले दिल्ली में रहता था परिवार
परवेज मुशर्रफ के माता-पिता बागपत के कोताना गांव में रहते थे लेकिन बाद में वे दिल्ली चले गए थे। गांववासियों के अनुसार मुशर्रफ के पिता दिल्ली जाने के बाद भी समय-समय पर कोताना गांव आते रहते थे। पाकिस्तान जाने के बाद उनके परिवार की संपत्तियों की देखरेख करने वाला कोई नहीं था। हालांकि मुशर्रफ के परिवार का एक सदस्य नूरू मियां पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था और वहीं बस गए थे। अब नीलामी के बाद बागपत में मुशर्रफ परिवार का कोई सदस्य नहीं बचा है।
कभी नहीं आए मुशर्रफ बागपत
गांववासियों का कहना है कि परवेज मुशर्रफ ने कभी भी कोताना गांव का दौरा नहीं किया। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था और उन्होंने बागपत के कोताना गांव की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। विभाजन के बाद उनके माता-पिता पाकिस्तान चले गए और 1965 में नूरू मियां कोताना गांव आए। लेकिन वे भी बाद में पाकिस्तान चले गए। इस प्रकार परवेज मुशर्रफ का बागपत के साथ कोई संबंध नहीं था।
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