मांगे नहीं मानी जाती हैं तो 25 और 26 जनवरी को सभी हाइवे पर अपने-अपने ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की तरफ करके खड़ा कर दिया। एक तरफ का हाइवे किसानों के कब्जे में होगा जबकि दूसरी तरफ ट्रैफिक चलेगा। दो दिन में अगर किसानों की मांगे नहीं मानी जाती तो फिर दिल्ली कूंच किया जाएगा।
सिसौली किसान महापंचायत : राकेश टिकैत बोले- छाती पर गोली खाने से पीछे नहीं हटेंगे, दिल्ली जाने वाले हाईवे पर खड़े कर देंगे ट्रैक्टर
Feb 18, 2024 01:39
Feb 18, 2024 01:39
- मुजफ्फरनगर सिसौली में हुई किसान पंचायत में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दी चेतावनी
- भाकियू अराजनैतिक ने की शंभू बार्डर पर आंदोलनकारी नेताओं से बात
- किसान आंदोलन से गरमा रही पश्चिम यूपी की सियासत
21 फरवरी को पश्चिम यूपी के सभी जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी को ज्ञापन
इस दौरान सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि 21 फरवरी को गाजियाबाद सहित पश्चिम यूपी के सभी जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाए। इसके बाद भी अगर मांगे नहीं मानी जाती हैं तो 25 और 26 जनवरी को सभी हाइवे पर अपने-अपने ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की तरफ करके खड़ा कर दिया। एक तरफ का हाइवे किसानों के कब्जे में होगा जबकि दूसरी तरफ ट्रैफिक चलेगा। दो दिन में अगर किसानों की मांगे नहीं मानी जाती तो फिर दिल्ली कूंच किया जाएगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम गोली खाने से भी पीछे नहीं हटते हैं। किसान आंदोलन के लिए कुर्बानी देनी होगी। इसके लिए हमारी छाती सरकार की गोली खाने के लिए तैयार है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले 2008 में ऐसे हालात बने थे उसके बाद फिर 2021 और अब 2024 में ऐसे ही हालात हैं।
भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष जयवीर मलिक ने कहा सिसौली किसान पंचायत में सभी जिलों के जिलाध्यक्ष शामिल हुए। जहां पर किसानों के हित में निर्णय लिया गया और आंदोलन के समर्थन के लिए आगे की रणनीति तैयार की गई।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा भी 20 फरवरी को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन की चेतावनी
वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा भी 20 फरवरी को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि 20 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक किसान समस्याओं एवं आंदोलन के समर्थन में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का एक प्रतिनिधिमंडल शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारियों नेताओ से वार्ता कर आगे की रणनीति का एलान करेगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि समस्या का समाधान वार्ता से होगा। आंदोलनकारी किसान अहिंसात्मक रूप से वार्ता का रास्ते हल निकाले। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा ग्राम लिसाढ़ में किसान पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और बुलंदशहरके पदाधिकारी शामिल हुए। पंचायत में संगठन सहित मुख्य चर्चा पंजाब के आंदोलन पर की गई।
किसानों को हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए
चर्चा में सभी वक्ताओं ने अपने विचार दिए। सभी ने कहा कि किसान के सवाल पर एकमत हैं। लेकिन किसानों को हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। हर समस्या का हल वार्ता से संभव है। सरकार किसानों से बातचीत कर रही है। हम उम्मीद करते है कि सरकार खुले दिल से किसानो की बात स्वीकार कर इसका हल करें।
बाबा राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि हाल में हमारा संगठन के लोग केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा से मिले थे। उन्हें एक ज्ञापन दिया गया था। 20 फरवरी को जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
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