उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक दुखद घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। खुर्जा के ढोरी मोहल्ले में एक 60 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति को घर पर गिरने के बाद कूल्हे की हड्डी टूट गई।
बुलंदशहर में स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल : वृद्ध को ठेले पर अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल, प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
Jul 30, 2024 22:21
Jul 30, 2024 22:21
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
ज्ञानचंद नाम के इस वृद्ध व्यक्ति को रविवार को यह दुर्घटना हुई जब वे अपने घर में काम कर रहे थे। दर्द से कराहते हुए ज्ञानचंद को उनके परिजनों ने किसी तरह ठेले पर लिटाया और स्थानीय सरकारी अस्पताल की ओर रवाना हुए। यह दृश्य देखकर आसपास के लोगों के दिल दहल गए। कई लोगों ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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अस्पताल में नहीं हुआ इलाज
परिवार की मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं। जब वे बड़ी मुश्किल से अस्पताल पहुंचे, तो वहां हड्डी रोग विशेषज्ञ मौजूद नहीं थे। इमरजेंसी विभाग में मौजूद चिकित्सकों ने उन्हें तीन दिन बाद आने की सलाह दे दी। यह सुनकर परिवार के सदस्य सन्न रह गए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी ने तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए। उप जिलाधिकारी दुर्गेश सिंह स्वयं ज्ञानचंद के घर पहुंचे और उनकी स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद प्रशासन ने ज्ञानचंद को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
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प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मामले को उठाते हुए उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी लेखक धर्मवीर भारती की रचना 'ठेले पर हिमालय' का जिक्र करते हुए कहा कि अगर भारती जी आज होते तो वे 'ठेले पर यूपी की स्वास्थ्य सेवा' लिखते।
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, "इलाज के लिए अस्पताल नहीं, अस्पताल है तो एंबुलेंस नहीं। टूटी हड्डी का असहनीय दर्द लेकर ठेले से अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर नहीं। मरीज से कह दिया - 'हड्डी के डॉक्टर नहीं हैं, तीन दिन बाद आना।' वादा था अच्छे दिन का, लेकिन यहां तो जनता जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।लेखक धर्मवीर भारती जी आज होते तो "ठेले पर हिमालय" लिखने की जगह "ठेले पर यूपी की स्वास्थ्य सेवा" लिखते। इस रचना में हिमालय का सौंदर्य वर्णन नहीं, बल्कि जनता की अथाह पीड़ा और प्रदेश की अव्यवस्था का विद्रूप वर्णन होता।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 29, 2024
इलाज के लिए अस्पताल नहीं, अस्पताल है तो एंबुलेंस नहीं, टूटी… pic.twitter.com/51MvTFuu89
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