दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने विकराल रूप धारण कर लिया है। शहर देश के पांचवें सबसे प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया है। बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
सांसों पर संकट! : AQI के बढ़ते ही बच्चों में श्वसन समस्याएं बढ़ी, फिर भी नहीं हो रहा नियमों का पालन
Nov 04, 2024 13:18
Nov 04, 2024 13:18
AQI में बढ़ोतरी, नियमों का पालन नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में AQI 382, नोएडा में 313, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 248, हापुड़ में 280, फरीदाबाद में 250 और गुरुग्राम में 281 दर्ज किया गया। प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति के चलते शहर में ग्रेड-2 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं, लेकिन इनका पालन अभी भी सख्ती से नहीं हो रहा है।
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टूटी सड़कों से उड़ती धूल, कहां है जिम्मेदार
शहर की सड़कों पर जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। टूटी सड़कों से उड़ती धूल और निर्माण कार्यों से उत्पन्न मिट्टी ने वायु प्रदूषण को और बढ़ा दिया है। इस प्रदूषण का सबसे बुरा असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। चाइल्ड पीजीआई और जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40-50 बच्चे श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को मास्क पहनाकर ही स्कूल भेजें। साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए डिटॉक्स जूस और हरी सब्जियों के सेवन की सलाह दी है।वायु प्रदूषण और गिरते तापमान के इस दोहरे संकट ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
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