बांग्लादेश में हाल ही में बिगड़े हालात ने नोएडा के रेडिमेड गारमेंट्स के निर्यातकों की नजरें अपनी ओर खींची हैं। उनका मानना है कि बांग्लादेश के वर्तमान संकट से उन्हें विदेशों से बड़े ऑर्डर...
बांग्लादेश में हिंसा : तख्तापलट नोएडा के व्यापारियों के लिए ला सकता है बड़ा मौका, जानिए कैसे
Aug 06, 2024 11:37
Aug 06, 2024 11:37
आने वाले तीन महीनों मिलेंगे ज्यादा ऑर्डर
उद्यमियों का कहना है कि आने वाले तीन महीनों में उन्हें आठ से दस बिलियन डॉलर के रेडिमेड गारमेंट्स के ऑर्डर मिल सकते हैं। हालांकि, इस अवसर को लेकर उनको चिंता भी है कि वियतनाम, चीन और इंडोनेशिया भी इस बाजार में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर सकते हैं और उन्हें भी बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं। ये देश भी इस समय बांग्लादेश के ग्राहकों की निगाहों में हैं और उनकी प्रतिस्पर्धा से नोएडा के निर्यातकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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कई ब्रांड्स के ऑर्डर तैयार कराता है बांग्लादेश
नोएडा परिधान निर्यात क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने टिप्पणी करते हुए हुए बोला कि रेडिमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में बांग्लादेश उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरा है। बांग्लादेश को उनकी तुलना में अधिक ऑर्डर मिलते हैं और उनका निर्यात भी उच्च स्तर पर है। बांग्लादेश से बड़े ब्रांड्स जैसे जारा और मैंगो अपने ऑर्डर तैयार कराते हैं। हालांकि, वर्तमान हालात के चलते इन ब्रांड्स के भारत की ओर रुख करने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रकार, नोएडा को इन ऑर्डर्स को प्राप्त करने की उम्मीद है। ठुकराल ने कहा कि बांग्लादेश की समस्याओं के चलते उन्हें आठ से दस बिलियन डॉलर के ऑर्डर मिलने की संभावना है। लेकिन, भारत में उच्च ड्यूटी (करीब नौ प्रतिशत), जीएसटी और अन्य टैक्स के कारण उत्पादों की लागत अधिक हो जाती है। इसके विपरीत, वियतनाम, चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों में उत्पाद सस्ते हैं और इन देशों में मिलने वाली सरकारी सुविधाओं के कारण उनकी प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैन्यूफैक्चरर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने भी इस बात पर जोर दिया कि नोएडा के रेडिमेड गारमेंट निर्यातकों को बांग्लादेश की समस्याओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है।
संकट के बुरे प्रभाव
रेडिमेड गारमेंट्स निर्यातक शशि नागिया ने बताया कि बांग्लादेश में बिगड़े हालात भारतीय कारोबारियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बांग्लादेश मुख्यतः टी-शर्ट का उत्पादन करता है और वहां के संकट के चलते भारत से निर्यात किए जा रहे कपड़े, जैसे कि कॉटन, प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, अन्य देशों के ऑर्डर भी वियतनाम की ओर झुक सकते हैं, क्योंकि वियतनाम के उत्पाद सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। कई चीनी उद्योगपतियों ने अपना उद्योग वियतनाम में स्थानांतरित कर दिया है। वर्तमान में, यूरोप की स्थिति भी खराब बताई जा रही है, जो भारतीय निर्यातकों के लिए अतिरिक्त चुनौतियों का कारण बन सकती है।
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