नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलन कर रहे लगभग 700 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी को सूरजपुर स्थित पुलिस लाइन ले जाया जाएगा...
नोएडा में 700 किसानों को किया गिरफ्तार : अधिकारियों ने 7 दिन का मांगा समय, मौके पर 4000 पुलिसकर्मी तैनात
Dec 03, 2024 14:17
Dec 03, 2024 14:17
मौके पर तनाव की स्थिति
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता सुनील प्रधान ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। मांगे पूरी नहीं होने पर दिल्ली कूच की तैयारी की गई, लेकिन अधिकारियों ने 7 दिन का समय मांगा। इस दौरान किसानों ने फैसला लिया कि रास्ते में दलित प्रेरणा स्थल में अब आगे 7 दिनों तक आंदोलन किया जाएगा। वहां से अब पुलिस ने जबरदस्ती किसानों को उठा लिया है। सभी को गिरफ्तार कर ले जाया जा रहा है। मौके पर पुलिस के करीब 4,000 जवान है और किसानों की संख्या करीब 700 हैं।
पुलिस बैरिकेडिंग पर भड़के किसान
दिल्ली कूच के लिए एकत्रित किसानों को पुलिस ने महामाया फ्लाईओवर पर रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान बैरिकेडिंग गिराते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान पुलिस और प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ उनकी लंबी बातचीत चली। जब किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। आखिरकार प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा सात दिन के भीतर सचिव स्तर पर वार्ता के प्रस्ताव के बाद किसानों ने दिल्ली कूच स्थगित कर दिया और दलित प्रेरणा स्थल पर ही डेरा डालने का निर्णय लिया।
जाम से यात्री हुए परेशान
महामाया फ्लाईओवर पर ट्रैफिक बंद होने के कारण डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर करीब चार किलोमीटर तक वाहनों का दबाव बना रहा। ट्रैफिक को शहर के अंदर मोड़ने के कारण सेक्टर-38 से न्यू अशोक नगर तक जाम लग गया। शाम 4 बजे किसानों के सड़क से हटने के बाद ही यातायात सामान्य हो सका।
दिल्ली में प्रवेश पर रोक
दिल्ली पुलिस ने किसानों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। डीएनडी, कालिंदी कुंज, चिल्ला बॉर्डर और एनएच-24 पर बैरिकेडिंग कर यातायात बंद कर दिया गया था। पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने कहा कि संसद सत्र के चलते किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली और यूपी पुलिस के बीच समन्वय स्थापित किया गया है।
किसानों की मुख्य मांगें
- मुआवजा वृद्धि : किसानों को 64.7% अधिक मुआवजा दिया जाए।
- भूमि अधिग्रहण कानून का पालन : 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत सभी लाभ मिलें।
- आवासीय भूखंड : किसानों को 10% आबादी भूखंड मिले।
- रोजगार और पुनर्वास : भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ मिलें।
- अतिक्रमण पर बुलडोजर रोक : किसानों के आवासों को बचाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।
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