फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने नोएडा में अपना MRO हब यानी मेंटेनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहॉल सुविधा केंद्र विकसित करने का प्लान तैयार किया है। इससे भारत की न सिर्फ दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म होगी
नोएडा में राफेल विमानों का हो सकेगा मेटेंनेंस : फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन स्थापित करेगी यूनिट, मिराज फाइटर जेट की भी होगी मरम्मत
Sep 25, 2024 15:02
Sep 25, 2024 15:02
- नोएडा में होगा राफेल विमानों का मेटेंनेंस
- दूसरे देशों पर निर्भरता होगी खत्म
- डसॉल्ट एविएशन स्थापित करेगी यूनिट
पोसिना वेंकट राव बने सीईओ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नई यूनिट का नाम डसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल इंडिया रखा गया है और इसे 6 महीने के भीतर शुरू करने की उम्मीद है। कंपनी भविष्य में अपनी गतिविधियों का विस्तार भी करेगी। पोसिना वेंकट राव को इस नई इकाई का सीईओ भी नियुक्त किया गया है। इस यूनिट में राफेल विमानों के साथ-साथ मिराज-2000 की मरम्मत और रख-रखाव का काम भी किया जाएगा।
दूसरे देशों पर निर्भरता होगी खत्म
इस यूनिट का सबसे बड़ा फायदा ये है कि फाइटर प्लेन के मेंटेनेंस का काम अपने ही देश में संभव हो सकेगा। फिलहाल भारत एमआरओ के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। नोएडा की यूनिट से चीन, अमेरिका और सिंगापुर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसके अलावा जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास कॉमर्शियल विमानों के लिए भी एक एमआरओ हब प्रस्तावित है। डसॉल्ट की नई यूनिट में फ्रांस और भारत दोनों देशों के कर्मचारी रहेंगे।
भारत का डिफेंस सेक्टर हो रहा मजबूत
वर्तमान में भारतीय वायुसेना 36 राफेल विमानों और 50 मिराज-2000 विमानों के बेड़े का संचालन करती है। भारत फ्रांस के साथ 26 राफेल समुद्री विमानों के लिए भी सौदे पर बातचीत कर रहा है। इन्हें आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। ये सौदा करीब 50 हजार करोड़ रुपये का है। देश में अभी 713 एयरक्राफ्ट हैं, जिनकी संख्या 2031 में बढ़कर 1522 हो जाएगी।
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