गंगा नहर 13 अक्टूबर को बंद कर दी गई। करीब 20 दिन तक इसमें सफाई कार्य होगा। फिर ये नहर 2 नवंबर को चालू होगी। गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल प्लांट लगा हुआ है। यहां से 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों को पाइप लाइन के लिए सप्लाई किया जाता है।
दिवाली के मौके पर नोएडा और गाजियाबाद में नहीं मिलेगा गंगाजल : 20 दिनों तक रहेगी पानी की किल्लत, जानें वजह
Oct 15, 2024 10:08
Oct 15, 2024 10:08
- हरिद्वार से आ रही गंगा नहर 13 अक्टूबर को बंद कर दी गई
- करीब 20 दिन तक इसमें सफाई कार्य होगा
- ये नहर 2 नवंबर को चालू होगी
गंगा नहर 13 अक्टूबर को बंद कर दी गई। करीब 20 दिन तक इसमें सफाई कार्य होगा। फिर ये नहर 2 नवंबर को चालू होगी। गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल प्लांट लगा हुआ है। यहां से 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों को पाइप लाइन के लिए सप्लाई किया जाता है। नहर बंद रहने के दौरान इस पानी की सप्लाई नहीं होगी।
नहर सफाई हर साल की एक रूटीन प्रक्रिया है। इसमें नहर से जुड़ी सभी मशीनों, रेगुलेटरों को साफ किया जाता है, ताकि पानी का प्रवाह बना रहे। गाजियाबाद के 50 क्यूसेक में 15 क्यूसेक इंदिरापुरम, 5 क्यूसेक सिद्धार्थ विहार, 23 क्यूसेक वसुंधरा जोन और 7 क्यूसेक पानी इंदिरापुरम के इलाकों में सप्लाई होता है। गाजियाबाद में नगर निगम के 125 और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के 26 नलकूप हैं। इनसे पानी की सप्लाई दिन में एक बार की जाएगी। इसके अलावा दोनों अथॉरिटी के पास कुछ टैंकर हैं, उन्हें भी पानी सप्लाई में लगाया जाएगा।
वहीं नोएडा में 400 एमएलडी की जरूरत पूरी करने के लिए 240 एमएलडी गंगाजल उपयोग होता है। सामान्य दिनों में करीब 200 एमएलडी गंगाजल मिल जाता है। ऐसे में 200 एमएलडी की पूर्ति भूजल से की जाती है। पूरी क्षमता से ट्यूबवेल चलाने के बाद भी गंगाजल आपूर्ति नहीं होने से करीब 60 एमएलडी पानी की किल्लत पैदा होगी। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए बाकायदा नंबर भी जारी किए हैं जिन पर कॉल करके लोग टैंकर मंगवा सकते हैं।
नोएडा और गाजियाबाद के मुख्य पानी का स्त्रोत है गंगा नहर
हरिद्वार में ऊपरी गंगा नहर नोएडा और गाजियाबाद के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। यहां से पानी गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार और प्रताप विहार प्लांटों में उपचारित किया जाता है और फिर दोनों शहरों में आपूर्ति की जाती है। ये नहर 292 किमी तक फैली हुई है और यूपी के 15 जिलों को पानी उपलब्ध कराती है।
वार्षिक बंद का कारण
यूपी जल निगम के मुकेश वर्मा ने बताया कि मानसून के बाद नहर में गाद जमा हो जाती है, जिसके कारण हर साल सितंबर में नहर की सफाई के लिए वार्षिक बंद किया जाता है.
लोगों की बढ़ी चिंता
सीओएनआरडब्ल्यू के अध्यक्ष पीएस जैन ने कहा कि त्योहारों के दौरान पानी की आपूर्ति बाधित होना लोगों के लिए बहुत परेशानी का कारण बनता है। उन्होंने जल उपचार संयंत्रों और भंडारण जलाशयों को मजबूत करने की मांग की है। एफओएनआरडब्ल्यू के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने भी इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के वार्षिक अभ्यास के लिए पहले से योजना बनाना आवश्यक है।
क्या है नोएडा प्राधिकरण की तैयारियां
नोएडा में प्रतिदिन लगभग 400 एमएलडी पानी का उपयोग होता है, जिसमें से वर्तमान में लगभग 240 एमएलडी गंगा जल की आपूर्ति की जाती है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, यमुना के किनारे 11 रैनी कुएं हैं और 425 ट्यूबवेल हैं, जिनसे पानी की आपूर्ति की जाएगी। हालांकि, वर्तमान में केवल सात रैनी कुएं काम कर रहे हैं।
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