ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कड़ी कार्रवाई : प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही पर 8 अफसरों की सैलरी रोकी, कहा- पहले सुधार करो, फिर करेंगे बात

प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही पर 8 अफसरों की सैलरी रोकी, कहा- पहले सुधार करो, फिर करेंगे बात
UPT | ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

Oct 16, 2024 23:28

ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही बरतने के कारण आठ वर्क सर्किल के प्रभारियों का वेतन रोक दिया गया है।

Oct 16, 2024 23:28

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही बरतने के कारण आठ वर्क सर्किल के प्रभारियों का वेतन रोक दिया गया है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यदि अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ, तो आगे भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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बेहद गंभीर एयर क्वालिटी इंडेक्स
हालांकि हाल के दिनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रदूषण स्तर में थोड़ी कमी आई है, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। सोमवार को ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 274 पर रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बना रहा। वहीं, नोएडा का एक्यूआई 268 दर्ज किया गया। लेकिन पिछले 24 घंटे में स्थिति में कुछ सुधार देखने को मिला, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 68 अंकों की गिरावट के बाद 170 पर आ गया। नोएडा का एक्यूआई भी 206 तक पहुंचा।



आईएएस श्रीलक्ष्मी वीएस का कड़ा निर्देश
इस संबंध में प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा है कि जब तक संबंधित वर्क सर्किलों में प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का प्रभावी पालन नहीं किया जाता, तब तक प्रभारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। यह कार्रवाई उन अधिकारियों के खिलाफ की गई है जिन्होंने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की निगरानी में लापरवाही दिखाई है।

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शहर के लिए चिंता का मुद्दा
ग्रेटर नोएडा का नॉलेज पार्क-3 क्षेत्र केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र माना जा रहा है, जहां एक्यूआई 206 तक पहुंच गया। हालांकि, प्रदूषण में गिरावट देखने को मिली है, लेकिन दोनों शहरों की हवा का स्तर अभी भी खराब श्रेणी में है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। ऐसे में प्राधिकरण की इस कड़ी कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

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