ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : रियल एस्टेट कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया में मिला बैंकों को बराबर का दर्जा

रियल एस्टेट कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया में मिला बैंकों को बराबर का दर्जा
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jul 22, 2024 11:00

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसने रियल एस्टेट क्षेत्र में दिवालिया प्रक्रिया को नया मोड़ दे दिया है। इस फैसले के अनुसार, राज्य एजेंसियों को संकटग्रस्त रियल एस्टेट कंपनियों...

Jul 22, 2024 11:00

New Delhi/Greater Noida : सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसने रियल एस्टेट क्षेत्र में दिवालिया प्रक्रिया को नया मोड़ दे दिया है। इस फैसले के अनुसार, राज्य एजेंसियों को संकटग्रस्त रियल एस्टेट कंपनियों की संपत्तियों पर बैंकों के समान अधिकार प्रदान किए गए हैं।

फैसले की मुख्य बातें
1. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) को सुरक्षित परिचालन लेनदार का दर्जा दिया गया है।
2. भूमि पट्टे पर देने वाली राज्य एजेंसियों को अब सुरक्षित लेनदार माना जाएगा।
3. यह फैसला दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के मौजूदा प्रावधानों के विपरीत माना जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय आईबीसी के मूल उद्देश्यों से मेल नहीं खाता। उनका तर्क है कि इससे दिवालिया समाधान प्रक्रिया जटिल हो सकती है, क्योंकि अब कई प्रतिस्पर्धी हित एक ही संपत्ति पर दावा कर सकते हैं।

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प्रभाव और चिंताएं
1. पहले से स्वीकृत समाधान योजनाओं की समीक्षा की आवश्यकता हो सकती है।
2. रियल एस्टेट क्षेत्र में दिवालिया मामलों की संख्या काफी अधिक है, जिससे इस फैसले का व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
3. सरकारी निकायों को इस फैसले से लाभ होने की संभावना है।

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आगे की राह
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस मुद्दे पर जनता की राय मांगी है और आईबीसी में संशोधन के लिए एक विधेयक पर काम कर रहा है। यह विधेयक वर्तमान संसद सत्र में पेश नहीं किया जाएगा और संभवतः शीतकालीन सत्र तक प्रतीक्षा करनी होगी। कुल मिलाकर यह फैसला रियल एस्टेट क्षेत्र में दिवालिया प्रक्रिया को नया आयाम देता है।

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