उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में चार साल पहले हुई एक बड़ी चोरी का मामला आज भी रहस्य बना हुआ है। यह घटना लोकप्रिय वेब सीरीज 'मनी हीस्ट' की याद दिलाती है, जहां चोर बड़ी चतुराई से अपराध को अंजाम देते हैं।
ग्रेटर नोएडा का 'मनी हीस्ट' : करोड़ों की चोरी का अनसुलझा रहस्य, अब तक नहीं हुई असली मालिक की पहचान
Sep 06, 2024 13:11
Sep 06, 2024 13:11
कहां गायब है असली मालिक
अगस्त 2020 में सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी के फ्लैट नंबर-301 से 36 किलो सोना और छह करोड़ रुपये की नकदी चोरी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने 10 महीने बाद चोरों को पकड़ा और 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये बरामद किए। लेकिन इस बड़ी कामयाबी के बावजूद मामला उलझा हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि न तो किसी ने चोरी का केस दर्ज कराया और न ही बरामद माल पर किसी ने दावा किया। पुलिस ने हाल ही में नौ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, लेकिन उसमें भी बरामद माल के मालिक का कोई जिक्र नहीं था।
काले धन की यह पहेली
इस चोरी में कुल दस आरोपी शामिल थे। अब तक तीन चार्जशीट दाखिल की गई हैं। शुरुआत में किशलय पांडेय और राम मूर्ति पांडेय ने माल का दावा किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इनकार कर दिया। जांच के दौरान पुलिस ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी पत्र लिखा था, लेकिन दोनों विभागों ने इस मामले में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। इससे काले धन की यह पहेली और भी उलझ गई है।
अब सवाल यह उठता है
● आखिर किराये के फ्लैट में करोड़ों की नकदी और सोने की ईंटें किसने छिपाकर रखी थीं?
● चोरों ने इतनी बड़ी चोरी की घटना को कैसे अंजाम दिया।
● अगस्त 2020 में हुई चोरी जून 2021 तक कैसे दबी रही।
● क्या यह किसी हवाला कारोबार या बड़े रैकेट का हिस्सा था?
● करोड़ों के काले धन को चुराने के लिए किसने उपलब्ध कराई थी फ्लैट की चाबी।
● सबसे बड़ी चोरी में और कौन-कौन सेलोग शामिल है।
● सोने और नगदी के असली मालिक ने चोरों को पकड़ने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया।
क्या बोले नोएडा डीएम
गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने इस संबंध में कहा कि जब तक इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चलेगी, तब तक बरामद माल कोषागार में सुरक्षित रखा जाएगा। बाद में कोर्ट के आदेश पर ही इसका फैसला होगा। उन्होंने यह भी बताया कि आमतौर पर ऐसे मामलों में जिस माल का कोई दावेदार नहीं होता, उसे सरकार के हवाले कर दिया जाता है।
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