कौन है रवि अत्री : कैसे बना देश का सबसे बड़ा नकल माफिया, कई राज्यों की पुलिस और सेंट्रल एजेंसियां परेशान

कैसे बना देश का सबसे बड़ा नकल माफिया, कई राज्यों की पुलिस और सेंट्रल एजेंसियां परेशान
UPT | रवि अत्री

Jun 22, 2024 23:05

उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के जेवर का निवासी रवि अत्री देशभर के कई उच्च-स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामलों के कथित मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है...

Jun 22, 2024 23:05

Noida News : उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के जेवर का निवासी रवि अत्री देशभर के कई उच्च-स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामलों के कथित मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है। यह मामला देश की शिक्षा व्यवस्था और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की सुचिता पर व्यापक प्रभाव डाल रहा है। इसी वजह से रवि अत्री ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है।

रवि अत्री की आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत
अत्री की पेपर लीक में शामिलगी की शुरुआत 2007 में हुई, जब वह परीक्षा की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था। कोटा में, उसका संपर्क नकल माफिया के सदस्यों से हुआ, जिससे वह परीक्षा धोखाधड़ी की दुनिया में प्रवेश कर गया।

रवि अत्री के बड़े अपराध
अत्री द्वारा आयोजित पहला महत्वपूर्ण पेपर लीक 2012 में NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) था। इस घटना के लिए दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन वह जेल से भी अपना काम जारी रखने में सफल रहा।

बढ़ता गया गतिविधियों का दायरा
अत्री का नेटवर्क कम से कम आठ प्रमुख परीक्षाओं के पेपर लीक करने में शामिल रहा है, जिनमें NEET (मेडिकल प्रवेश परीक्षा), SBI सहायक भर्ती, RO और ARO परीक्षाएं, UP पुलिस भर्ती परीक्षाएं शामिल हैं। जांचकर्ताओं का अनुमान है कि अत्री के गिरोह ने 100 करोड़ रुपये (लगभग 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक की धोखाधड़ी की गतिविधियां की हैं।

रवि का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क
गिरोह का संचालन कई राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें दिल्ली, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इस व्यापक नेटवर्क ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इस अपराध को पूरी तरह से ध्वस्त करना चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

क्या है गैंग की कार्यप्रणाली
इस्तेमाल की गई सटीक विधियों का पूरा विवरण प्रकट नहीं किया गया है, लेकिन माना जाता है कि गिरोह के विभिन्न परीक्षा निकायों में अंदरूनी लोग हैं। माना जा रहा है कि वे संभवतः परीक्षाओं से पहले प्रश्न पत्र तक पहुंचने के लिए उच्च तकनीक और पारंपरिक रिश्वत का इस्तेमाल करते हैं।

पेपर लीक का प्रभाव
इन लीक ने हजारों छात्रों के भविष्य और भारत की परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित किया है। इसने राष्ट्रव्यापी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए मौजूद सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

फिलहाल जांच की स्थिति
कई राज्य पुलिस बल और केंद्रीय एजेंसियां जांच में शामिल हैं। अधिकारियों का मानना है कि जांच के प्रगति के साथ और भी खुलासे होने की संभावना है। वहीं इस मामले में शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वे इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। परीक्षा प्रणालियों में सुधार और कड़े सुरक्षा उपाय लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आम आदमी की प्रतिक्रिया
छात्र संगठन और अभिभावक संघ इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा विपक्षी दलों ने परीक्षा प्रणाली को सुरक्षित करने में विफल रहने के लिए सरकार पर आरोप लगाया है।

आसान नहीं सजा करवाना
मामला बहुत ही जटिल है, क्योंकि यह कई राज्यों से जुड़ा है और इसमें व्यक्तियों का एक बड़ा नेटवर्क शामिल है। ठोस सबूत जुटाना और अपराध के सभी पहलुओं को अत्री और उसके सहयोगियों से जोड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। कुल मिलाकर रवि अत्री ने पेपर लीक मामले में भारत की परीक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण कमजोरियों को उजागर किया है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं में सुरक्षा उपायों के व्यापक सुधार और परीक्षा संबंधी अपराधों के इतिहास वाले व्यक्तियों की कड़ी निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करता है। मामला अभी भी विकसित हो रहा है और इसके समाधान का भारत में परीक्षाओं के भविष्य के संचालन पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना है।

Also Read

24 जुलाई से छह अगस्त तक निरस्त रहेंगी 10 ट्रेनें, कुछ गाड़ियां रूट बदलकर चलेंगी

6 Jul 2024 03:50 PM

गाजियाबाद Ghaziabad News : 24 जुलाई से छह अगस्त तक निरस्त रहेंगी 10 ट्रेनें, कुछ गाड़ियां रूट बदलकर चलेंगी

मुरादाबाद-लखनऊ रेल मार्ग पर नॉन इंटरलॉकिंग कार्य की वजह से उत्तरी रेलवे ने गाजियाबाद से होकर गुजरने वाली 10 ट्रेनों को जुलाई के अंत और अगस्त के शुरू में रद्द करने का फैसला लिया और पढ़ें