किडनी कांड में नया मोड़ : सीएमओ और अस्पतालों को पुलिस की क्लीन चिट, बांग्लादेश दूतावास से जवाब का इंतजार

सीएमओ और अस्पतालों को पुलिस की क्लीन चिट, बांग्लादेश दूतावास से जवाब का इंतजार
फ़ाइल फोटो | किडनी कांड

Jul 19, 2024 17:33

दिल्ली पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और दो प्रमुख अस्पतालों, यथार्थ और अपोलो को जांच में क्लीन चिट दे दी है।

Jul 19, 2024 17:33

Noida news : भारत-बांग्लादेश किडनी तस्करी मामले में एक नया मोड़ आया है। दिल्ली पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और दो प्रमुख अस्पतालों, यथार्थ और अपोलो को जांच में क्लीन चिट दे दी है। यह जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है।

जाली दस्तावेज तैयार करवाते थे
दिल्ली पुलिस ने पहले सीएमओ और दोनों अस्पतालों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। सभी पक्षों से संतोषजनक जवाब मिलने के बाद उन्हें क्लीन चिट दी गई। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीएमओ या अस्पतालों की कोई संदिग्ध भूमिका सामने नहीं आई है। मुख्य आरोपी डॉ. डी. विजया कुमारी, उनके निजी सचिव और दलालों की भूमिका अहम थी। ये लोग दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के जाली दस्तावेज तैयार करवाते थे।

जांच में किसने क्या कहा
गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. सुनील कुमार ने पुलिस को बताया कि वे एक्सटर्नल कमेटी के सदस्य थे। किडनी दाता और प्राप्तकर्ता की फाइलों पर उनके हस्ताक्षर होते थे। वे व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करते और सभी दस्तावेजों की जांच करते थे। प्रक्रिया में दाता और प्राप्तकर्ता की वीडियो रिकॉर्डिंग भी शामिल थी। उनके रिश्ते और किडनी दान के लिए सहमति की पुष्टि की जाती थी। यथार्थ और अपोलो अस्पताल ने अपने जवाब में कहा कि वे केवल तभी किडनी प्रत्यारोपण करते थे, जब कमेटी मंजूरी देती थी। उन्हें दूतावास से भी अनुमति मिलती थी।

दोनों अस्पताल संदेह के दायरे से बाहर 
पुलिस अधिकारी अमित गोयल (उपायुक्त, अपराध शाखा) ने कहा, सभी पक्षों से जवाब मिल गए हैं। सीएमओ और दोनों अस्पताल संदेह के दायरे से बाहर हैं। हम दस्तावेजों की गहन जांच कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की राय भी लेंगे। दिल्ली पुलिस ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से बांग्लादेश दूतावास से भी जवाब मांगा है। पुलिस जानना चाहती है कि दूतावास किस आधार पर फाइलों को मंजूरी देता था। बुधवार शाम तक दूतावास से कोई जवाब नहीं मिला था।

500 लोगों की किडनी अवैध रूप से निकलवाई
यह मामला अंतरराष्ट्रीय किडनी तस्करी रैकेट का खुलासा करता है, जिसमें भारत और बांग्लादेश के कई प्रमुख लोग शामिल हैं। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। आरोपियों ने लगभग 500 लोगों की किडनी अवैध रूप से निकलवाई थी। कुछ मामलों में किडनी दाताओं की मौत भी हुई थी। ज्यादातर पीड़ित बांग्लादेश के गरीब लोग थे, जिन्हें नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया था।

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