चिटहेरा भूमि घोटाला : चिटहेरा के बाद खंडेरा गांव को लूटना चाहते थे यशपाल तोमर और राजेश शर्मा, सैकड़ों करोड़ के एग्रीमेंट सामने आए

चिटहेरा के बाद खंडेरा गांव को लूटना चाहते थे यशपाल तोमर और राजेश शर्मा, सैकड़ों करोड़ के एग्रीमेंट सामने आए
UPT | यशपाल तोमर और राजेश शर्मा

Feb 17, 2024 19:01

राजेश शर्मा का ताल्लुक दिल्ली के केबल कारोबार से है। फिलहाल वह तीन कंपनियां ग्रीन कैकेटसु ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएचआर...

Feb 17, 2024 19:01

Noida News : गौतमबुद्ध नगर में दादरी तहसील के गांव चिटहेरा को बर्बाद करने के बाद गैंगस्टर भूमाफिया यशपाल तोमर और उसके फायनेंशर राजेश शर्मा ने पड़ोसी गांव खंडेरा में डाका डालने की तैयारी कर ली थी। यह दोनों लोग खंडेरा के किसानों को अपने जाल में फंसा चुके थे। Uttar Pradesh Times की पड़ताल में खंडेरा के किसानों और इन लोगों की कंपनियों के बीच हुए 70 एग्रीमेंट सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 25 एग्रीमेंट राजेश शर्मा की भूमाफिया कंपनी ने किए हैं।

खंडेरा में रचा चिटहेरा जैसा षड्यंत्र
चिटहेरा गांव के किसानों को लूटने के बाद अंतरराज्यीय भू-माफिया यशपाल तोमर और उसके फायनेंशर राजेश शर्मा का गैंग यहीं थामने वाले नहीं था। इन दोनों ने चिटहेरा गांव में सफल रहे लूट-खसोट के मॉडल को दादरी इलाके के दूसरे गांवों में भी लागू किया। Uttar Pradesh Times की पड़ताल में सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं। यशपाल तोमर, उसके गैंग में शामिल आईएएस, आईपीएस अफसरों के रिश्तेदार, बड़े बिजनसमैन और फाइनेंसर राजेश शर्मा ने चिटहेरा के बाद पड़ोसी गांव खंडेरा में अरबों रुपये की जमीन हड़पने की साजिश रची है। खंडेरा में भी यह गैंग 'एग्रीमेंट टू सेल' के जरिये रद्द हो चुके फर्जी पट्टे खरीद चुका है। सैकड़ों बीघा जमीन के 70 'एग्रीमेंट टू सेल' रजिस्टर्ड करवाए गए हैं।

राजेश शर्मा की कंपनी ने करोड़ों की जमीन खरीदी
पहले चिटहेरा और फिर खंडेरा में किसानों को जाल में फांसने वाली कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड राजेश शर्मा की है। यह कंपनी दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले में वेस्ट नाथू कॉलोनी के पते पर रजिस्टर्ड है। कंपनी के तीन निदेशक राजेश कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और विनोद हैं।चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर के साथ राजेश कुमार शर्मा शामिल रहा है। अब खंडेरा गांव में इस कंपनी के नाम पट्टों की जमीनों के सबसे ज्यादा 25 एग्रीमेंट सामने आए हैं। किसानों का कहना है, “इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस कंपनी ने ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए बड़े पैमाने पर जमीनों के एग्रीमेंट किए हैं। इस कंपनी की गहराई से जांच करने की आवश्यकता है। जिस तरह चिटहेरा में त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी की भूमिका सामने आयी थी और उस कम्पनी को भू-माफिया घोषित किया गया, इसी तरह एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को भी भू-माफिया घोषित किया जाना चाहिए।”

राजेश शर्मा की जमानत पर जांच जारी
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने चिटहेरा भूमि घोटाले में राजेश कुमार शर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेजा था, लेकिन राजेश शर्मा को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने महज 10 दिनों में जमानत दे दी। इस जमानत पर एक सामाजिक संगठन ने आपत्ति जताते हुए जिला जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजी। जिस पर जांच चल रही है। जमानत देने वाले न्यायाधीश का तत्काल स्थानांतरण कर दिया गया था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि चिटहेरा भूमि घोटाले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, उस मुकदमे में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने राजेश शर्मा को आरोपी नहीं बनाया है।

राजेश शर्मा ने किसानों से करोड़ों रुपये हड़पे
गैंगस्टर भूमाफिया घोषित यशपाल तोमर हरिद्वार जेल में बंद है। उसे करीब 25 महीनों से जमानत नहीं मिली है। उसकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। नए किरदार राजेश शर्मा ने यशपाल तोमर से भी कहीं लाभ ज्यादा उठाया है और आराम से मौज ले रहा है। चिटहेरा गांव के किसानों को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जमीन का मुआवजा मिला और तुरंत राजेश शर्मा के बैंक खातों में चला गया। किसान धनपत सिंह पुत्र गंगादास को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने मुआवजा दिया। अथॉरिटी ने 30 जुलाई 2016 को धनपत के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दादरी के खाते में 1,19,70,000 रुपये ट्रांसफर किए थे। उसी दिन यह पैसा राजेश शर्मा के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया गया था। सुनहरी देवी पत्नी नत्थी के खाते से 1,11,49,000 रुपये और वेद प्रकाश गौतम पुत्र जय सिंह के खाते से 58,65,000 रुपये 30 जुलाई 2016 को राजेश शर्मा के बैंक खाते में आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 02 अगस्त 2016 राजेश कुमार पुत्र यादराम को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 82,47,800 रुपये मुआवजा भेजा था। यह पैसा भी थोड़ी देर बाद राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया था। किसान अनिल कुमार विजय सिंह को प्राधिकरण ने 75,86,000 रुपये बतौर मुआवजा भेजे थे। यह पैसा भी हाथोंहाथ राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया है। कुल मिलाकर 3,91,32,800 रुपये राजेश शर्मा के बैंक खातों में गए हैं। यह पूरा बयौरा Uttar Pradesh Times के पास उपलब्ध है।

राजेश का दिल्ली के केबल नेटवर्क से ताल्लुक
राजेश शर्मा का ताल्लुक दिल्ली के केबल कारोबार से है। फिलहाल वह तीन कंपनियां ग्रीन कैकेटसु ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और एसएचआर टेलीसर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का संचालन कर रहा है। चिटहेरा भूमि घोटाले को अंजाम देने के लिए राजेश शर्मा ने अपनी सबसे पुराणी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है। यह पूरा मामला मणि लॉन्ड्रिंग का है। चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर की करीब 200 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। उसके खिलाफ हरिद्वार, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, लेकिन राजेश शर्मा इस कार्रवाई की जद में नहीं आया है।

घोटाले में यशपाल से बड़ा बेनिफिशयरी राजेश
चिटहेरा गांव के किसानों का कहना है, "हमारी जमीन दो कंपनियों ने हथियाई हैं। एक त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल को भूमाफिया घोषित किया गया है। तीन निदेशकों के खिलाफ पुलिस के चार्जशीट दाखिल की है। कंपनी का आधिकारिक व्यक्ति नरेंद्र गैंगस्टर एक्ट में फरार चल रहा है। उस पर ईनाम घोषित है। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पैसा वापस लौटा दिया है। दूसरी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।" एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में राजेश कुमार शर्मा के  अलावा 22 अप्रैल 2022 से पवन कुमार गुप्ता और विनोद हैं। राजेश शर्मा वर्ष 2012 से डायरेक्टर है।

राजेश की पत्नी ने भी बैंक ट्रांजेक्शन किए
चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़े लेनदेन में केवल राजेश शर्मा ही नहीं उसकी बीवी भी शामिल रही है। ऐसे ट्रांजेक्शन गौतमबुद्ध नगर पुलिस की तफ्तीश में सामने आए थे, लेकिन ऐसे तथ्यों को मुकदमे की इन्वेस्टिगेशन में शामिल नहीं किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राजेश शर्मा की दिल्ली और उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पकड़ है। उसने इस मामले में राजनीतिक रिश्तों का भरपूर इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि पुलिस ने राजेश शर्मा से जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज किया। जानकारी के मुताबिक, राजेश शर्मा अब यशपाल तोमर को कानूनी सुविधाएं मुहैया करवा रहा है।

Also Read

गाजियाबाद में अंत्योदय अन्न योजना के तहत निशुल्क खाद्य का वितरण आज से

8 Jul 2024 09:39 AM

गाजियाबाद Antyodaya Anna Yojana : गाजियाबाद में अंत्योदय अन्न योजना के तहत निशुल्क खाद्य का वितरण आज से

आयुक्त खाद्य तथा रसद विभाग के आदेश पर अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत माह जुलाई, 2024 के सापेक्ष आवंटित खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। और पढ़ें