इस परियोजना के तहत 226 गांवों से लगभग 20,911 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिस पर न्यू नोएडा बसाया जाएगा। यह नया नोएडा आपके जीवन को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से विकसित किया जाएगा...
सपनों का शहर न्यू नोएडा : प्राधिकरण और ग्रामीणों की हुई बैठक, भूमि अधिग्रहण को लेकर जताई सहमति
Nov 19, 2024 15:34
Nov 19, 2024 15:34
- मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी
- न्यू नोएडा के लिए प्राधिकरण ने कसी कमर
- 2024 से शुरू होगा पहला फेज
इतने साल में पूरा होगा पहले चरण का काम
इस परियोजना का पहला चरण 2024 से 2027 तक पूरा किया जाएगा, जिसमें लगभग 3165 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इस दौरान पहले चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ग्राउंड जीरो पर जाकर ग्रामीणों और गांव के प्रधानों से बातचीत कर शांति से यह प्रक्रिया संपन्न कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हुई चर्चा
दरअसल, 18 नवंबर को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. ने अपनी टीम के साथ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर स्थित करीब 10 गांवों के प्रधानों और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात की। इस बैठक में ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू करने के बारे में चर्चा की गई और अधिकांश ग्रामीणों ने इस पर सहमति जताई। सीईओ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और अब तक किसानों की ओर से कोई विरोध नहीं सामने आया है।
कार्यवाही के दौरान ये रहे उपस्थित
इस कार्यवाही के दौरान नोएडा प्राधिकरण के विभिन्न अधिकारी जैसे विशेष कार्याधिकारी महेंद्र प्रसाद, क्रान्तिशेखर सिंह, महाप्रबंधक लीनू सहगल, डी.जी.एम. विजय रावल और तहसीलदार शशि कुमार तथा धर्मवीर भारती भी उपस्थित थे। इस टीम ने न्यू नोएडा क्षेत्र में अधिसूचित गांवों का निरीक्षण किया, जिसमें विशेष रूप से ग्राम जोखाबाद और ग्राम सांवली शामिल हैं। इन गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों को मिलेगा मुआवजा
गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के किसानों को उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे अपनी भूमि के अधिग्रहण से प्रभावित न हों। उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना विकास प्राधिकरण इस मामले में तेजी से कार्य कर रहे हैं, ताकि प्रभावित किसानों को त्वरित और उचित मुआवजा मिल सके। यह परियोजना नोएडा एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के साथ मिलकर प्रदेश के विकास में एक नई ऊंचाई जोड़ने की उम्मीद कर रही है।
इन दो मास्टर प्लान पर हो रहा काम
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक ने पहले जनसंख्या घनत्व के मुद्दे पर आपत्तियां जताई थीं, लेकिन यीडा ने इसे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के रूप में स्पष्ट करते हुए समाधान प्रदान किया। प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृति के बाद, नए सेक्टरों का विकास कार्य प्रारंभ होगा। फेज दो के मास्टर प्लान 2031 में मथुरा, अलीगढ़, हाथरस और आगरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों को शामिल किया गया है, जिसमें टप्पल मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और राया हेरिटेज सिटी जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र में आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करना है। मास्टर प्लान 2041 और फेज दो की स्वीकृति के बाद यमुना प्राधिकरण के तहत बड़े पैमाने पर विकास कार्य होंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवासियों को बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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