अनुमति मिलने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भी इस परियोजना की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, निर्माण कार्य में लगभग एक वर्ष लगने की संभावना है...
यमुना एक्सप्रेसवे-केजीपी को जोड़ने का रास्ता साफ : 122 करोड़ की लागत से बनेगा नया इंटरचेंज
Sep 30, 2024 15:02
Sep 30, 2024 15:02
- यमुना एक्सप्रेसवे और केजीपी को जोड़ने वाले इंटरचेंज को मंजूरी
- एनएचएआई ने शुरू की परियोजना की तैयारी
- लगभग एक साल में पूरा होगा काम
122 करोड़ में होगा निर्माण
यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि इस इंटरचेंज का काम 2023 में शुरू हुआ था। पहले इसकी जिम्मेदारी एक निजी ठेकेदार को सौंपी गई थी, जिसका शिलान्यास प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने किया था। इस परियोजना पर 122 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था और दावा किया गया था कि एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले इसे पूरा कर दिया जाएगा। लेकिन निर्माण में लागत के मुद्दे के चलते काम रुक गया।
शासन से मिली मंजूरी
अधिकारी ने बताया कि 22 करोड़ रुपये की मिट्टी की लागत के कारण निर्माण कार्य में बाधा आई। इस पर एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सहमति बनी, लेकिन इसके लिए शासन से अनुमति जरूरी थी। लंबे समय से इस अनुमति का इंतजार किया जा रहा था और अब यह मिल गई है, जिससे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
2019 में हुआ था कंपनी का चयन
बता दें कि इस इंटरचेंज के निर्माण का पहला प्रयास 2019 में किया गया था, लेकिन किसानों के विवाद के कारण यह कार्य शुरू नहीं हो पाया। लगभग चार वर्षों का समय किसानों के साथ विवाद सुलझाने में बर्बाद हुआ। अंततः 2023 में यह विवाद समाप्त हुआ, लेकिन ठेकेदार ने 22 करोड़ रुपये की मांग रख दी, जिससे एक बार फिर कार्य रुक गया।
यात्रियों को करना पड़ता था अतिरिक्त सफर
यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर जगनपुर-अफजलपुर में केजीपी को जोड़ा जाएगा। ग्रेटर नोएडा से गुजरने वाले केजीपी का यमुना एक्सप्रेसवे से अभी तक कोई संबंध नहीं है, जिससे आगरा जाने वाले वाहन चालकों को 15 से 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है। इससे जाम की समस्या भी उत्पन्न होती है, जिसे ध्यान में रखते हुए इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा।
इंटरचेंज पर बनाए जाएंगे आठ लूप
इस इंटरचेंज पर आठ लूप बनेंगे, जो कुल 6.6 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले होंगे। इनमें चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए बनाए जाएंगे। इससे यात्रियों को बिना किसी जाम का सामना किए एक्सप्रेसवे से उतरने और चढ़ने में सहूलियत होगी।
अगले साल तक पूरा होगा निर्माण
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस परियोजना के लिए दो बार बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा था। प्रमुख सचिव अनिल सागर को इंटरचेंज न होने के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई थी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि शासन से अनुमति मिल गई है और एनएचएआई अगले वर्ष तक इस इंटरचेंज का निर्माण पूरा कर लेगा।
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