भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आरक्षण और जातिवाद पर अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, "आरक्षण मांगने का सबका हक़ है। लोकतंत्र में आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन हम जातिवाद की बात नहीं करते हैं...
फोटो प्रदर्शनी देखने नोएडा मीडिया क्लब पहुंचे राकेश टिकैत : कोलकाता रेप केस और आरक्षण के मुद्दे पर पत्रकारों से की बातचीत
Aug 21, 2024 14:56
Aug 21, 2024 14:56
आरक्षण और जातिवाद पर कड़ा संदेश
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आरक्षण और जातिवाद पर अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, "आरक्षण मांगने का सबका हक़ है। लोकतंत्र में आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन हम जातिवाद की बात नहीं करते हैं। हम जातिवादी राजनीति के पक्षकार नहीं हैं।" टिकैत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका संगठन सामाजिक न्याय के लिए है, लेकिन किसी भी प्रकार की जातिवादी राजनीति का समर्थन नहीं करता।
कोलकाता रेप केस पर तीखी प्रतिक्रिया
कोलकाता में हुई दर्दनाक रेप घटना पर टिकैत ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह बेहद दर्दनाक घटना है। देश में क़ानून है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन इस मामले को मीडिया और केंद्र सरकार जानबूझकर टारगेट कर रही है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टी की सरकार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मणिपुर और मिजोरम में हुई घटनाओं को भी इतनी प्रमुखता क्यों नहीं दी गई।
सरकार पर तानाशाही का आरोप
राकेश टिकैत ने देश में मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि, "देश में तानाशाही है। लोगों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जबरदस्ती भाजपा में शामिल किया जा रहा है। यह तानाशाही नहीं तो और क्या है?" उन्होंने कहा कि देश की जनता में सरकार के खिलाफ आक्रोश है, लेकिन लोग खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं। टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो देश में बांग्लादेश की तरह ग़ुस्से का विस्फोट हो सकता है।
युवाओं के भविष्य के लिए खतरा
सरकारी नौकरियों में संघ की शाखाओं के प्रभाव पर भी टिकैत ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "अब देश में नौकरी उन्हीं लोगों को मिलेगी, जो संघ की शाखाओं में जा रहे हैं। जिस तरह से सरकार के पक्षकार लोगों को लेटरल एंट्री दी जा रही है, उससे छात्रों और युवाओं में आक्रोश फैलेगा।" टिकैत ने इसे एक गंभीर समस्या बताते हुए युवाओं के भविष्य के लिए खतरा बताया।
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