यमुना प्राधिकरण की नीलामी में बड़ी सफलता : बैंक अकाउंट में आए 265.14 करोड़ रुपये

बैंक अकाउंट में आए 265.14 करोड़ रुपये
UPT | Symbolic Image

Sep 17, 2024 19:47

यमुना विकास प्राधिकरण ने कॉरपोरेट ऑफिस के लिए 45 भूखंडों की नीलामी की। प्रत्येक भूखंड का रिजर्व प्राइस 2.50 करोड़ रुपए था, जिससे कुल रिजर्व प्राइस 112.50 करोड़ रुपए होता है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस नीलामी से प्राप्त राजस्व को भविष्य की योजनाओं में निवेश किया जाएगा।

Sep 17, 2024 19:47

Short Highlights
  • नीलामी से प्राप्त राजस्व को भविष्य की योजनाओं में निवेश
  • 5,000 लोगों को रोजगार के अवसर
Greater Noida News : यमुना विकास प्राधिकरण ने कॉरपोरेट ऑफिस के लिए 45 भूखंडों की नीलामी की। प्रत्येक भूखंड का रिजर्व प्राइस 2.50 करोड़ रुपए था, जिससे कुल रिजर्व प्राइस 112.50 करोड़ रुपए होता है। हालांकि, नीलामी में 112.50 करोड़ रुपए की अपेक्षा 265.14 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो रिजर्व प्राइस से 134% अधिक है। कुल मिलाकर, प्राधिकरण को 152.64 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्त हुए हैं।

इन तीन कंपनियों ने लगाई सबसे मोटी बोली
ई-नीलामी की प्रक्रिया 11 जुलाई 2024 से शुरू हुई और 17 सितंबर 2024 को समाप्त हुई। नीलामी के दौरान तीन भूखण्डों पर विशेष रूप से उच्चतम बिडिंग दर्ज की गई। जिनमें चैलेंजर कंप्यूटर लिमिटेड ने 28.28 करोड़ रुपए, एलेक्सिस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 26.64 करोड़ और सनाश इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड 25.84 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई। इनके भूखण्डों की बिडिंग 12 गुना अधिक कीमत पर हुई। इन तीन भूखण्डों की कुल कीमत 80.76 करोड़ रुपये रही।

5,000 लोगों को रोजगार के अवसर
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस नीलामी से प्राप्त राजस्व को भविष्य की योजनाओं में निवेश किया जाएगा। जिससे प्राधिकरण के विकास को और गति मिलेगी। साथ ही इस योजना के तहत आने वाले समय में लगभग 5,000 लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इन भूखंडों पर 500 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

Also Read

एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि, 20% कारोबार में गिरावट

22 Nov 2024 07:05 PM

गौतमबुद्ध नगर नोएडा में वायु प्रदूषण से व्यापार प्रभावित : एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि, 20% कारोबार में गिरावट

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण नोएडा में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में तेजी आई है, जबकि व्यापारियों को इस कारण से 20% तक के व्यापारिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। और पढ़ें