ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आधुनिक और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS) लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा के 357 स्थानों पर हाई क्वॉलिटी वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
बदलता उत्तर प्रदेश : ग्रेटर नोएडा में आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा, 357 लोकेशन पर लगेंगे सीसीटीवी
Oct 14, 2024 17:25
Oct 14, 2024 17:25
Greater Noida News : उत्तर प्रदेश को 'उत्तम प्रदेश' बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार सुधार और तकनीकी विकास की दिशा में काम कर रही है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आधुनिक और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS) लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत यह परियोजना न केवल यातायात प्रबंधन में सुधार लाएगी बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत बनाएगी। आईएसटीएमएस को 'तीसरी आंख' के रूप में देखा जा रहा है। जो पूरे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की निगरानी करेगा।
357 स्थानों पर होंगे सीसीटीवी कैमरे
परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा के 357 लोकेशन पर हाई क्वॉलिटी वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो पूरे क्षेत्र की निगरानी करेंगे। इस पूरी परियोजना के लिए 227.60 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। यह कैमरे विभिन्न स्थानों पर निगरानी करेंगे ताकि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिल सके और असामान्य गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सके। इस परियोजना में एक व्यापक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, वीडियो निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और सार्वजनिक सूचना प्रणाली का भी विकास किया जाएगा। इसके जरिए यातायात प्रबंधन को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाया जाएगा। इस योजना के तहत ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICC) की भी स्थापना की जाएगी। जो क्षेत्र की सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।
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12 महीने में पूरी होगी परियोजना
आईएसटीएमएस को सेफ सिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (SCMC) के रूप में भी जाना जाता है। इस सिस्टम का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और यातायात प्रबंधकों को वास्तविक समय की जानकारी और पूर्वानुमानित डेटा प्रदान करना है। यह प्रणाली विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होगी। परियोजना को लागू करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की गई है, जिसके तहत 12 महीनों के भीतर आईएसटीएमएस को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। नोएडा और गाजियाबाद में पहले से ही इस प्रकार की ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली लागू की जा चुकी है और अब ग्रेटर नोएडा में भी इसे लागू किया जा रहा है।
अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन में होगी मदद
सीएम योगी की 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत, यह इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम रियल-टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग करेगा। जिससे अपराध पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलेगी। यह सिस्टम न केवल यातायात के सुचारू संचालन में मदद करेगा बल्कि यात्रा के समय को भी कम करेगा। जिससे ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। यह प्रणाली यातायात नियमों के उल्लंघन का तुरंत पता लगाएगी और उसके अनुसार कार्रवाई करेगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है। स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, आपातकालीन सेवाओं का प्रबंधन और डेटा एनालिटिक्स जैसी सुविधाएं भी इस प्रणाली का हिस्सा होंगी।
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इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी
- अडैप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस ): यह प्रणाली ट्रैफिक सिग्नल्स को स्थिति के अनुसार समायोजित करेगी।जिससे यातायात को अधिक सुचारू बनाया जा सकेगा।
- सीसीटीवी कैमरों की निगरानी : सेफ सिटी पहल के तहत कैमरों की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड होगा।
- ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) सिस्टम : यह तकनीक वाहनों की पहचान करने और ट्रैफिक उल्लंघनों को पकड़ने में मदद करेगी।
- रेड लाइट उल्लंघन डिटेक्शन (आरएलवीडी) सिस्टम : यह प्रणाली रेड लाइट के उल्लंघन की पहचान करेगी और तुरंत कार्रवाई करेगी।
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमर्जेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) : आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता के लिए इन सुविधाओं की व्यवस्था होगी।
- ई-चालान सिस्टम : यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान की प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा।
- पिंक बूथ की निगरानी : महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्थापित पिंक बूथ्स की निगरानी भी इस प्रणाली से की जाएगी।
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