गाजियाबाद में अब छठ पर्व पूरी आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है। घाटों पर छठ पर्व के दौरान शुद्धता का भी पूरा ख्याल रखा गया। चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हुई थी।
Chhath Puja, Chhath festival 2024 : केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके...गीत के साथ उगते सूर्य को दिया अर्घ्य
Nov 08, 2024 08:46
Nov 08, 2024 08:46
- हिंडन तट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन
- गाजियाबाद में बनाए गए 70 छठ घाटों पर उमड़े श्रद्धालुगण
- सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महिलाओं ने की परिवार के मंगल की कामना
छठ महापर्व का चौथा दिन आज शुक्रवार को रहा
छठ महापर्व का चौथा दिन आज शुक्रवार को रहा। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। छठ के आखिरी दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया गया। इसी के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सभी छठ व्रती व्रत का पारण करते हैं। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 7 नवंबर की मध्यरात्रि 11बजकर 57 मिनट पर हो गया था। ऐसे में 8 नवंबर को सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
सुबह पांच बजे से ही बड़ी संख्या में छठ के व्रती
सुबह पांच बजे से ही बड़ी संख्या में छठ के व्रती उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। हिंडन पर बने छठ घाट और वैशाली, वसुंधरा में बनाए गए कृत्रिम घाटों पर पानी में डुबकी लगाने के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया। सभी ने अपने और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
छठ घाटों पर अर्घ्य देने के लिए
छठ घाटों पर अर्घ्य देने के लिए छठव्रतियों के लिए पूर्वाचल और बिहार की छठ पूजा समिति की ओर से दूध का वितरण किया गया। इसी के साथ भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देकर घर लौट रहे छठव्रतियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई।
घाटों पर छठ पर्व के दौरान शुद्धता का भी पूरा ख्याल रखा गया
गाजियाबाद में अब छठ पर्व पूरी आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है। घाटों पर छठ पर्व के दौरान शुद्धता का भी पूरा ख्याल रखा गया। चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हुई थी। पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को पानी में खड़े होकर छठ व्रती ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया था। छठ पर्व के अंतिम दिन आज छठव्रती सुबह-सुबह छठ घाट पर पहुंचे और उगते हुए सूर्य भगवान को दूसरा अर्घ्य देने के बाद अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त किया।
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