Ghaziabad News : दलित बन गए ईसाई, लेकिन ले रहे सरकारी योजनाओं का लाभ

दलित बन गए ईसाई, लेकिन ले रहे सरकारी योजनाओं का लाभ
फ़ाइल फोटो | गाजियाबाद में धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी।

Sep 30, 2024 15:34

धर्मांतरण का शिकार हुए लोग ईसाई धर्म के क्रियाकलाप अपनाने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए मूल दस्तावेजों में दलित ही बने हुए हैं।

Sep 30, 2024 15:34

Short Highlights
  • नंदग्राम धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
  • पुलिस का दावा है कि गैंग के नेटवर्क खंगाल रही पुलिस 
  • आरोपियों को होने वाली फंडिंग के बारे में जानकारी जुटाई
Ghaziabad News : गाजियाबाद के नंदग्राम थानाक्षेत्र के सेवानगर इलाके में बीमारी का इलाज और गरीबों को मदद का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले गैंग के बारे में बड़ा खुलासा सामने आया है। 25 सितम्बर को पकड़े गए गैंग के आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को धर्मांतरण से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे।

मूल दस्तावेजों में दलित ही बने हुए हैं
जिसके आधार पर माना जा रहा है कि धर्मांतरण का शिकार हुए लोग ईसाई धर्म के क्रियाकलाप अपनाने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए मूल दस्तावेजों में दलित ही बने हुए हैं। मिले सुबूतों की जांच के लिए गाजियाबाद पुलिस कानपुर और मुम्बई पहुंची है। पुलिस का दावा है कि गैंग के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। साथ ही आरोपियों को होने वाली फंडिंग के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। 

मोबाइल से पुलिस को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे
सूत्रों की मानें तो धर्मांतरण के आरोप में पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। जिसमें धर्मांतरण का शिकार बनाए गए करीब 57 लोगों के नाम और उनके पदनाम का जिक्र किया गया है। इसके अलावा कानपुर स्थित पीपुल ऑफ क्राइस्ट इनडिपेंडेंट चर्चेस नामक संस्था के लेटर हेड और आरोपी जेराल्ड मैथ्यूज मैसी के नियुक्ति पत्र भी मिले हैं। वर्ष 2017 में दिए गए इस नियुक्ति पत्र में जेराल्ड मैथ्यूज मैसी को पादरी बनाकर उन्हें ईसाई धर्म के तमाम क्रियाकलापों जैसे मृत्यु के बाद व्यक्ति को दफनाने की क्रिया, शादी कराने और पानी का बप्तिस्मा कराने के लिए अधिकृत किया गया है। 

मिशनरी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का भी दायित्व
मिले दस्तावेजों में आरोपी जेराल्ड मैथ्यूज मैसी को गाजियाबाद में मिशनरी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का भी दायित्व सौंपा गया है। दस्तावेजों में पैसों की ट्रांजेक्शन के सुबूत भी हैं। जांच में पुलिस को पता चला है कि कानपुर स्थित संस्था का मुख्यालय मुंबई में बना हुआ है, जहां से मिशनरी सिस्टम की सारी गतिविधियां संचालित हो रही हैं। सूत्र बताते हैं कि दस्तावेजों की जांच.पड़ताल के लिए पुलिस की टीमों कानपुर और मुंबई पहुंची हुई हैं। 

केस दर्ज कर नंदग्राम पुलिस ने  की थी कार्रवाई
24 सितम्बर को हिंदू संगठन से जुड़े नवीन सिंह ने नंदग्राम थाने पर केस दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया था कि धर्मांतरण गैंग का सरगना जेराल्ड मैथ्यू मैसी और उसके साथी सेवानगर में रहने वाले रवि कुमार के घर में जुटकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सूचना के आधार पर जांच.पड़ताल के बाद पुलिस ने जेराल्ड  मैथ्यूज मैसी निवासी इंग्राहम इंस्टीटयूट, रवि कुमार निवासी सेवा नगर, आशीष मसीह निवासी सेक्टर.7 राजनगर,  रोहन निवासी गदाना मोदीनगर और दीपक मसीह निवासी इंद्रापुरी मोदीनगर को गिरफ्तार किया था। 

बीमारी के  इलाज के नाम पर मसूरी में लगाता था दरबार
सूत्रों की मानें तो धर्मांतरण के आरोप में जेल भेजे गए आरोपी जेराल्ड मैथ्यूज मैसी और आशीष मसीह मसूरी में रविवार को दरबार लगाते थे। जहां वह ईसाई धर्म के क्रियाकलापों के जरिए बीमारी का इलाज करने का दावा करते थे। ईसाई धर्म अपनाने के फायदे गिनाकर लोगों को प्रेरित करते थे। साथ ही गरीबों को पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते थे। डीसीपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस आरोपियों और उनके गैंग से जुड़े लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।    

ईसाई बने लोग दस्तावेजों में आज भी हैं दलित
सूत्रों की मानें तो धर्मांतरण गैंग चलाने वाला इंग्राह्म स्कूल का पीटीआई जेराल्ड मैथ्यूज मैसी गरीब और दलित समाज के लोगों को टारगेट करता था। वह ईसाई धर्म के क्रियाकलापों से बीमारी का इलाज करने का दावा करता था। इसके अलावा गरीबों को पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था। सूत्र बताते हैं कि पुलिस की अब तक की जांच में एक चौंकानें वाली बात सामने आई है, वह यह है कि ईसाई धर्म अपनाने के बावजूद दलित समाज के लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आज भी दलित बने हुए हैं।

अपने मूल दस्तावेजों में अपना धर्म परिवर्तित नहीं कराया
दोहरा लाभ लेने के लिए उन्होंने अपने मूल दस्तावेजों में अपना धर्म परिवर्तित नहीं कराया है। एक ओर वह दलित बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर ईसाई धर्म अपनाने के बाद वह मिशनरी से मिलने वाली मदद का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पुलिस धर्मांतरण कराने के लिए लोगों को देने वाले पैसों के बारे में भी जांच कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि आखिर धर्मांतरण कराने वाले गैंग को फंडिंग कहां से हो रही थी।

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