ग‍ाजियाबाद में फ्रॉड : ई-सिम में अपग्रेड करने के बहाने मोबाइल हैक, खाते से 14.83 लाख रुपये निकाले

 ई-सिम में अपग्रेड करने के बहाने मोबाइल हैक, खाते से 14.83 लाख रुपये निकाले
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Nov 14, 2024 14:04

प्रीमियम मोबाइल में अब ई-सिम की सुविधा शुरू हो गई है, लेकिन इसे एक्टिवेट करते समय पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित एक सोसायटी के निवासी के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ठगों ने सिम अपग्रेड करने का बहाना बनाकर व्यक्ति का अकाउंट एक्सेस कर लिया।

Nov 14, 2024 14:04

Short Highlights
  • ई-सिम अपग्रेड करने के बहाने बनाया ठगी का शिकार
  • ठगों ने बैंकिंग सिस्टम को किया हैक
  • खाते से निकाले 14.83 लाख रुपये
Ghaziabad News : गाजियाबाद में एक व्यक्ति से ई-सिम के नाम पर साढ़े 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है। ठगों ने सिम अपग्रेड करने का बहाना बनाकर व्यक्ति से निजी जानकारी हासिल की और फिर उनके खाते से लोन लेकर पैसे निकाल लिए। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। ई-सिम को एक्टिवेट करते वक्त सावधानी बरतने की भी चेतावनी दी गई है।

सिम अपग्रेड करने के बहाने अकाउंट का एक्सेस
प्रीमियम मोबाइल में अब ई-सिम की सुविधा शुरू हो गई है, लेकिन इसे एक्टिवेट करते समय पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित एक सोसायटी के निवासी के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ठगों ने सिम अपग्रेड करने का बहाना बनाकर व्यक्ति का अकाउंट एक्सेस किया, फिर लोन पास कराकर उनके खाते से साढ़े 14 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और ई-सिम एक्टिवेशन के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।


जियो मनी के जरिए हुई मुंबई से ट्रांजेक्शन
गाजियाबाद में ई-सिम के बहाने ठगी का शिकार हुए हिमांशु कुमार ने बैंक से जानकारी मिलने के बाद साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। एडीसीपी क्राइम ने बताया कि पंचशील वेलिंगटन के रहने वाले हिमांशु की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है। जिन अकाउंट्स में रुपये ट्रांसफर हुए हैं, उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि पैसे मुंबई से जियो मनी के जरिए ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस अब ठगों को पकड़ने के लिए मामले की गहराई से जांच कर रही है।

 ठगों ने किया 14 लाख का नुकसान
हिमांशु कुमार ने शिकायत में बताया कि 5 नवंबर को उनके पास एक कॉल आई, जिसमें उन्हें अपनी सिम को ई-सिम में बदलने के लिए कहा गया। कॉल करने वाले ने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनका नंबर 8 नवंबर तक बंद हो जाएगा। इसके बाद हिमांशु ने कंपनी के ऐप से ई-सिम के लिए अप्लाई किया। इसके बाद ठगों ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक कोड भेजा और सिम को एक्टिवेट करने के लिए उस कोड को ऐप पर डालने को कहा। ठगों ने यह भी बताया कि सिम अपग्रेड होने के दौरान उनके नंबर पर कोई मेसेज नहीं आएंगे, जिसे उन्होंने कंपनी का सामान्य प्रोसेस समझा। लेकिन अगले दिन जब भी उन्हें कोई मेसेज नहीं मिला, तो उन्हें शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है।

बदल दी नेट बैंकिंग की डिटेल
गाजियाबाद के हिमांशु कुमार ने जब अपने अकाउंट को चेक किया, तो उसे करीब 15 लाख रुपये देखकर हैरान रह गए, जबकि उनके अकाउंट में केवल सवा दो लाख रुपये थे। बैंक से जानकारी मिलने पर पता चला कि ठगों ने उनका प्री-अप्रूव्ड लोन पास कर 24 लाख 83 हजार रुपये उनके अकाउंट में भेजे, फिर साढ़े 14 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित के अनुसार, ठगों ने उनकी नेट बैंकिंग की ई-मेल और अन्य डिटेल भी बदल दी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि ठगों ने उनके भेजे गए कोड से सिम को दूसरी जगह एक्टिवेट किया और बैंकिंग डिटेल्स चुराकर लोन के जरिए पैसे निकाल लिए।

क्या है ई-सिम 
प्रीमियम मोबाइल में अब ई-सिम का ऑप्शन मिलता है। इसमें सिम डालने की जरूरत नहीं होती है। मोबाइल के सॉफ्टवेयर में ही ई-सिम का सिस्टम होता है। कंपनी से ई-सिम एक्टिवेट करने के लिए रिक्वेस्ट करनी पड़ती है। हालांकि, ई-सिम के लिए बाध्य नहीं किया जाता है। ई-सिम के साथ फिजिकल सिम का भी स्लॉट होता है।

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