मेट्रो कॉरिडोर के दोनों ओर 500 मीटर तक ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। यह निर्णय शहर के विकास में एक नया अध्याय...
गाजियाबाद के विकास में जुड़ेगा नया अध्याय : मेट्रो कॉरिडोर के साथ 500 मीटर तक होगी विशेष प्रगति
Jul 08, 2024 08:43
Jul 08, 2024 08:43
- मेट्रो कॉरिडोर के दोनों ओर 500 मीटर तक टीओडी जोन बनाए जाएंगे
- टीओडी का उद्देश्य जीवंत, टिकाऊ और रहने योग्य समुदायों का निर्माण करना है
टीओडी क्या है और इसका महत्व
टीओडी एक ऐसी अवधारणा है जो आवासीय, वाणिज्यिक और अन्य गतिविधियों का समन्वय करती है। इसका उद्देश्य जीवंत, टिकाऊ और रहने योग्य समुदायों का निर्माण करना है, जो उच्च गुणवत्ता वाली परिवहन प्रणालियों के आसपास केंद्रित होते हैं। यह अवधारणा देश भर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। ख़ासतौर से मेट्रो कॉरिडोर्स और रैपिड रेल कॉरिडोर के दोनों ओर इस तरह के इलाके विकसित किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम इसके बड़े उदाहरण हैं।
जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स का बयान
राज्य स्तरीय समिति के निर्देशानुसार, हम जल्द ही टीओडी क्षेत्रों को परिभाषित करेंगे और इन्हें मास्टर प्लान 2031 में शामिल करेंगे। इसके बाद जनता से आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद, योजना को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर और आरआरटीएस
- ब्लू लाइन: आनंद विहार से वैशाली (2.1 किमी)
- रेड लाइन: दिलशाद गार्डन से न्यू बस अड्डा (9.34 किमी)
- इसके अलावा, 82 किमी लंबी आरआरटीएस परियोजना के तहत गाजियाबाद में आठ स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, और मोदीनगर के दो स्टेशन शामिल हैं।
मास्टर प्लान 2031 की स्थिति
- मास्टर प्लान 2031 पर काम 2019 से चल रहा है।
- इसमें गाजियाबाद, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर के नए क्षेत्र शामिल किए गए हैं।
- अगले 2-3 महीनों में इसे अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर यह नई पहल गाजियाबाद के शहरी विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। टीओडी क्षेत्रों के विकास से न केवल बेहतर शहरी योजना बनेगी, बल्कि नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। हालांकि, योजना के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतजार है।
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