उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर बनने वाला है। इसके बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी आधे से भी कम समय में पूरी कर ली जाएगी।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर : 3 घंटे में गाजियाबाद से पहुंच जाएंगे कानपुर, एक एक्सप्रेस-वे बदल देगा करोड़ों लोगों की जिंदगी
Feb 11, 2024 17:13
Feb 11, 2024 17:13
- गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे जल्द होगा शुरू
- 9 जिलों को जोड़ेगा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
- प्रदेश में प्रस्तावित हैं 8 एक्सप्रेसवे
3 घंटे में पूरी होगी गाजिबाद से कानपुर की दूरी
गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के बन जाने से दिल्ली से कानपुर और उसके आगे जाने वाले लोगों को फायदा होगा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 380 किलोमीटर की होगी। डासना मसूरी के आगे गाजियाबाद की सीमा से शुरू होकर यह परियोजना कानपुर रिंग रोड को कनेक्ट करेगी। इसके पूरी तरह बन जाने के बाद से वाहन अपनी पूरी रफ्तार से चल सकेंगे और गाजियाबाद से कानपुर केवल 3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा।
अभी लगते हैं 10 घंटे से भी ज्यादा
वर्तमान में गाजियाबाद से कानपुर जाने के लिए दो रास्ते हैं। इसमें से एक यमुना एक्सप्रेसवे और दूसरा राष्ट्रीय राजमार्ग 9 है। बावजूद इसके यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए गाजियाबाद से कानपुर जाने में 8 घंटे और एनएच 9 से 10 से भी ज्यादा का समय लगता है। लेकिन अब गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के बनने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल 3 घंटे रह जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च होंगे।
9 जिलों को जोड़ेगा यह एक्सप्रेसवे
गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 9 जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर शामिल हैं। इन जिलों में रहने वाली लाखों लोगों की आबादी इससे सीधे लाभान्वित होगी। सितंबर 2019 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी।
4 लेन की बनाई जाएगी सड़क
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 380 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर नाम दिया है। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेसवे के मद्देनजर किया जाएगा, लेकिन फिलहाल केवल 4 लेन की सड़क का ही निर्माण किया जाएगा। इसके लिए अंडरपास, फ्लाइओवर और सर्विस लेन का निर्माण 6 लेन के ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज किया जाएगा। यह ग्रीन कॉरिडोर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को उन्नान और कानपुर के बीच में कनेक्ट करेगा। वहीं गाजियाबाद और हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करेगा।
एक्सप्रेसवे बनने से होगा बड़ा फायदा
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे बनने से गाजियाबाद समेत कई जिलों को फायदा होगा। इससे न सिर्फ कानपुर तक माल ढुलाई आसान हो जाएगी, बल्कि सीधी कनेक्टिविटी होने से वाहन चालकों का समय और पैसा दोनों बचेगा। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
प्रदेश में प्रस्तावित हैं 8 एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश में अभी कुल 8 एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं। इसमें गंगा एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गाजिबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून इकॉनमिक कॉरिडोर, गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे, गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट लिंक एक्सप्रेसवे और वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे शामिल हैं। यूपी सरकार ने साल 2024 के बजट में गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 2057 करोड़ और लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 500 करोड़ रुपये अलॉट किए हैं।
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