प्रशांत महासागर से हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं। ला-नीना के असर से इस तरह की हवाएं चलती हैं। ये हवाएं ठंडक लाती हैं। इन्हें व्यापारिक हवाएं कहा जाता है
Ghaziabad weather news : गाजियाबाद में जनवरी का पारा @ 24.4 डिग्री सेल्सियस, रात हुई बारिश से बढ़ी ठंड
Jan 23, 2025 08:50
Jan 23, 2025 08:50
- न्यूनतम तापमान दो दिन में हुआ दोगुना
- जनवरी में बढ़ते तापमान से वैज्ञानी हैरान
- एक्यूआई के स्तर में लगातार तीसरे दिन सुधार
22 जनवरी को अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा रहा
22 जनवरी को अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा रहा। दो दिन से तापमान लगातार बढ़ रहा है। 22 जनवरी बुधवार को दिन में सबसे तेज धूप रही। दिन का अधिकतम पारा रिकार्ड 24.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। गाजियाबाद में 20 जनवरी की रात तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस था जो कि 21 जनवरी को बढ़कर 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
तापमान दिन में 12 बजे 24.6 डिग्री सेल्सियस
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर सूरज देव ने बताया कि वर्ष 1984 में गाजियाबाद का 22 जनवरी को तापमान दिन में 12 बजे 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। उसके बाद से शहर का तापमान इस स्तर पर कभी नहीं पहुंचा। तब से अधिकतम तापमान इतना कभी नहीं रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान भी दो दिन में दोगुना हो गया। 20 जनवरी को रात का पारा 5.4 डिग्री सेल्सियस था। जो कि 22 जनवरी को 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
उत्तरायण होते ही धूप की अवधि लंबी
मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही धूप की अवधि लंबी हो गई है। इसके साथ मौसमी गतिविधियां अब शांत हैं। जिसकी वजह से धूप सीधे जमीन पर पड़ रही है। मौसम विज्ञानी डॉक्टर सूरज देव ने बताया कि अधिकतम तापमान होने का यही कारण है। उन्होंने बताया कि आज वीरवार को भी धूप खिलेगी। नमी बढ़ी तो फिर मौसम में बदलाव आएगा। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आना बंद है। इसकी वजह से बादल छंट गए हैं। हवाएं अपने साथ धुंध और कोहरा ले गईं हैं। इससे आसमान साफ हो गया। इससे सन शाइन आवर बढ़ गए।
आने वाले पांच दिन ऐसे ही मौसम
आने वाले पांच दिनों में ऐसे ही मौसम रहने की संभावना है। बीते वर्षों में जनवरी के अन्य दिनों में इससे अधिक तापमान रहा है। लेकिन 22 जनवरी को अधिकतम तापमान का यह रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि मौसमी गतिविधि शुरू होने पर मौसम बदल सकता है।
हवाएं बदलेंगी मौसम
प्रशांत महासागर से हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं। ला-नीना के असर से इस तरह की हवाएं चलती हैं। ये हवाएं ठंडक लाती हैं। इन्हें व्यापारिक हवाएं कहा जाता है क्योंकि पुराने जमाने में व्यापारी इन्हीं हवाओं के सहारे नाव से आते-जाते रहे थे।
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