सुनवाई जो 27 अगस्त को होनी थी इसमें डीएम को स्वयं हाजिर होने को कहा गया था। लेकिन जिलाधिकारी के स्वयं हाजिर न होने एवं पूरी रिपोर्ट न देने पर जुर्माना लगाया गया है।
Ghaziabad News : गाजियाबाद डीएम पर लगा 25 हजार का जुर्माना, दो हफ्ते में धनराशि एनजीटी में जमा करने के निर्देश
Sep 01, 2024 22:27
Sep 01, 2024 22:27
- एनजीटी में अगली सुनवाई अब पांच दिसबर को
- एनजीटी में स्वयं ना हाजिर होने पर लगाया जुर्माना
- झील की जमीन पर आबादी बसाए जाने की शिकायत
झील की जमीन पर आबादी बसाए जाने की शिकायत
एक अधिवक्ता की तरफ से शालीमार गार्डन पसौंडा में झील की जमीन पर आबादी बसाए जाने की शिकायत एनजीटी में की थी। शिकायत में चिन्हित भू-भाग पर जो लैंड रेवेन्यू में झील के नाम से दर्ज है। वहां निर्माण करके आबादी बसाने की शिकायत दर्ज कराई है।
जिलाधिकारी से खसरा संख्या 2476 और 1564 की रिपोर्ट मांगी
अधिवक्ता व शिकायतकर्ता का कहना है कि मामले में कई बार जिलाधिकारी से खसरा संख्या 2476 और 1564 की रिपोर्ट मांगी थी। इसमें पूछा गया था कि क्या यह झील की जमीन थी। डीएम ने इस मामले में 8 मई 2024 को आख्या जमा की। जिसमें खसरा नंबर 1564 झील है या नहीं यह बताया ही नहीं।
डीएम ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया
डीएम ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि जमीन काे लेकर कुछ विवाद है इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा होनी है। इसके बाद एनजीटी ने अगली सुनवाई जो 27 अगस्त को होनी थी इसमें डीएम को स्वयं हाजिर होने को कहा गया था। लेकिन जिलाधिकारी के स्वयं हाजिर न होने एवं पूरी रिपोर्ट न देने पर जुर्माना लगाया गया है।
2023 में एनजीटी में याचिका दायर की
उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से लेकर डीएम गाजियाबाद, नगर निगम सहित कई विभागों को शिकायत की थी। शिकायत में कहा कि झील की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। इसमें इमारत बनाई जा रही हैं। इसे जल्द रुकवाने की मांग की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने 2023 में एनजीटी में याचिका दायर की, जिस पर अब सुनवाई चल रही है।
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