एनजीटी ने मामले की 19 मार्च 2025 की सुनवाई से पहले संबंधित अधिकारियों को जवाब दाखिल करने को कहा है।
Ghaziabad News : हिंडन नदी में बढ़े प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने मुख्य सचिव यूपी से मांगा जवाब
Dec 09, 2024 23:02
Dec 09, 2024 23:02
- एनजीटी ने सीपीसीबी और उन्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी भेजा नोटिस
- एनजीटी ने नोटिस भेजकर सभी से मांगा सुनवाई से पहले जवाब
- मामले में 19 मार्च 2025 को होगी एनजीटी में सुनवाई
प्रदूषण पर एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया
हरित निकाय ने औद्योगिक अपशिष्टों के निर्वहन और पर्याप्त सीवेज उपचार सुविधाओं की कमी की वजह से नदी में हो रहे प्रदूषण पर एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया था। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 27 नवंबर को दिए आदेश में कहा है कि सहारनपुर में शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली और सात जिलों से होकर बहने वाली 400 किलोमीटर लंबी बारिश आधारित हिंडन नदी अपने किनारे के 1.9 करोड़ लोगों की आबादी का भरण-पोषण करती है। लेकिन यह हिंडन नदी जहरीली हो गई है।
हिंडन नदी में खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट
हिंडन नदी में 357 उद्योगों से रोजाना 72,170 किलोलीटर से अधिक खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट और हर दिन 94.3 करोड़ लीटर घरेलू सीवेज घोला जा रहा है। अपर्याप्त बुनियादी ढांचे की वजह से 22 करोड़ लीटर से अधिक पानी दूषित रहता है। एनजीटी की पीठ ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदूषण की गंभीरता हिंडन नदी की लगातार खराब जल गुणवत्ता मीट्रिक में दिखाई देती है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिवादी बनाया
एनजीटी ने कहा कि यह मामला जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। हरित निकाय ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव, केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिवादी बनाया है।
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