बांग्लादेशी हिंदुओं की जान और माल की सुरक्षा त्वरित रूप से सुनिश्चित करते हुए उनके लिए इस्लामिक जिहादियों से विहीन एक राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया पर उचित कार्यवाही
Ghaziabad News : बांग्लादेश विभाजन की मांग को लेकर संतों का संयुक्त राष्ट्र संघ के दिल्ली कार्यालय पर प्रदर्शन
Aug 17, 2024 02:10
Aug 17, 2024 02:10
- उदिता त्यागी के नेतृत्व में किया प्रदर्शन
- प्रदर्शन के बाद एक प्रार्थना पत्र अधिकारियों को सौंपा
- एनआरआई विवेक कौल भी प्रदर्शनकारियों के साथ
प्रार्थना पत्र भी संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों को सौंपा
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में एनआरआई डॉ विवेक कौल,यति रामस्वरूपानंद जी,यति रणसिंहानंद जी,यति परमात्मानंद जी,यति अभयानंद जी,सनोज शास्त्री,पंडित कृष्णवल्लभ भारद्वाज,मोहित बजरंगी,अजीत मलिक,अशोक मित्तल तथा अन्य लोग उपस्थित थे। अपनी इस मांग को लेकर उन्होंने एक प्रार्थना पत्र भी संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों को सौंपा।
उनकी संपत्तियों की लूट और तोड़फोड़ से हम बहुत आहत
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुंटेरेस को लिखे गए प्रार्थना पत्र में कहा है, हम भारत के हिंदू, आपको अवगत कराना चाहते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं(जो की बांग्लादेश के मूल निवासी हैं)का वहाँ के इस्लामिक जिहादियों के द्वारा हो रहे खुलेआम नरसंहार,हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार और उनकी संपत्तियों की लूट और तोड़फोड़ से हम बहुत आहत हैं। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय से ही जब बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था वहाँ लगातार हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है। पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन के नाम पर लगातार हिंसा हो रही है और बिना किसी रोकटोक के हिंदुओं का जघन्य नरसंहार किया जा रहा है।
मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया
छात्र आंदोलन के बीच 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सेनाध्यक्ष जनरल वकार-उज-जमान ने देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है। इस बीच, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की सरकार का इस्लामिक जिहादियों ने तख्ता पलट कर देश का क़ानून अपने हाथ में ले लिया। जिसके बाद लगातार वहाँ रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं का नरसंहार बड़े पैमाने पर शुरू हो गया।चार, पांच और छह अगस्त को भारी नरसंहार हुआ। इस हिंसा में उपद्रवियों के निशाने पर सरकारी इमारतों के अतिरिक्त अवामी लीग के नेता और हिंदू थे। इस दौरान हिंदुओं के मकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए।
64 में 45 जिलों में हिंदुओं को बहुत ही नृशंसता से मारा
64 में 45 जिलों में हिंदुओं को बहुत ही नृशंसता से मारा गया।अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाली बांग्लादेश Hindu Buddhist Christian Unity Council के अनुसार, बांग्लादेश के 64 में से 45 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए यानी बांग्लादेश के 70% जिलों में हिंदुओं का नरसंहार हुआ और उनकी संपत्ति को तोड़फोड़ कर लूट लिया गया । उनके धार्मिक स्थल, घर और व्यापार सब कुछ इस्लामिक जिहादियों के निशाने पर था।
हिंदू छात्रों का दल डॉ. यूनुस से मिला
गृह मंत्रालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) मुहम्मद सखावत हुसैन ने माना कि “पिछले हफ्ते हुई हिंसा में बहुत से स्थानों पर हिंदुओं पर हमले हुए”।अल्पसंख्यक अधिकार आंदोलन" नाम के हिंदू छात्रों का एक 5 सदस्यीय दल अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. यूनुस से मिला। यूनुस को चर्चा के लिए आठ सूत्री मांगें सौंपी गईं।प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था।इसी तरह की चिंता अमेरिका समेत दुनिया भर से जताई।
विभाजन की प्रक्रिया को तुरंत शुरू करे
इस पत्र के माध्यम से हम आपसे अनुरोध करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ बांग्लादेश के विभाजन की प्रक्रिया को तुरंत शुरू करे और वहाँ के हिंदुओं के लिए एक अलग राष्ट्र की स्थापना करें। ऐसा ना होने की स्थिति में वहाँ रहने वाले डेढ़ करोड़ हिंदुओं का आने वाले कुछ ही समय में पूर्ण रूपेण नरसंहार सुनिश्चित है।
बांग्लादेशी हिंदुओं की जान और माल की सुरक्षा
हमे आपसे आशा है कि आप दुनिया भर में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए बांग्लादेशी हिंदुओं की जान और माल की सुरक्षा त्वरित रूप से सुनिश्चित करते हुए उनके लिए इस्लामिक जिहादियों से विहीन एक राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया पर उचित कार्यवाही करना आरंभ कर देगे। एनआरआई डॉ. विवेक कौल ने कहा की अब समय आ गया है की प्रत्येक हिन्दू के लिए प्रत्येक हिन्दू बोलना आरंभ करे अन्यथा अब हम सबका जीवित बचना असंभव होगा।
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