नगर निगम को खुले मे कूड़ा डंप करने में तकलीफ नहीं होती। जबकि सेनेट्री लैंड फिलस बनाने में उन्हें रोजाना कूड़े को एक छोटे रोल रॉलर्स से दबाना और ढकना पड़ेगा।
Ghaziabad News : सेनेट्री लैंड फिलस से होगा कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान
Oct 09, 2024 00:23
Oct 09, 2024 00:23
- नगर निगम की सुविधाओं के लिए लोगों के हितों से समझौता नहीं
- डंपिंग ग्राउंड के बजाय सेनेट्री लैंड फिलस शहर की जरूरत
- फ्लैट ओनर फेडरेशन ने की कूड़ा निस्तारण को लेकर प्रेसवार्ता
डम्पिंग ग्राउंड में लीचेट बनेगा
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में भू-जल स्तर पहले ही इतना गिर चुका है कि अगर लीचेट बना तो वो भूजल तक नहीं पहुँच पाएगा। दूसरी बात ये कि डम्पिंग ग्राउंड में लीचेट बनेगा।इसलिए यह तर्क आधारहीन है। उन्होंने कहा कि नगर निगम का तर्क है कि सेनेट्री लैंड फिलस में मिथेन गैस बनेगी।
समस्या तो डम्पिंग ग्राउंड में भी
उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि ये प्रतिदिन कूड़े को दबाया और ढका जाता है। इसलिए कि मिथेन गैस न बने। फिर भी अगर थोड़ी बहुत बनती है तो उसके लिए पाइप लगाए जा सकते हैं। यह समस्या तो डम्पिंग ग्राउंड में भी है। इसलिए यह तर्क आधारहीन है।
डम्पिंग ग्राउंड के कारण मक्खी है
डम्पिंग ग्राउंड के कारण मक्खी है , मच्छर हैं , बीमारी हैं , दुर्गंध हैं , वायु प्रदूषण है , रेगपिकर्स हैं जबकि ऐसा कुछ सेनेट्री लैंड फिलस मे नहीं है। राज कुमार त्यागी आदि ने कहा कि नगर निगम को खुले मे कूड़ा डंप करने में तकलीफ नहीं होती। जबकि सेनेट्री लैंड फिलस बनाने में उन्हें रोजाना कूड़े को एक छोटे रोल रॉलर्स से दबाना और ढकना पड़ेगा। नगर निगम की सुविधा के लिए हम गाजियाबाद के हितों को अनदेखी नहीं कर सकते। इस दौरान काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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