जिलाधिकारी ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत सार्वजनिक और निजी परिसरों में लिफ्ट और एस्केलेटर संचालित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। सार्वजनिक जगहों पर लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
यूपी लिफ्ट-एस्केलेटर अधिनियम : रखरखाव में चूक हुई तो जुर्माना भरने के लिए रहें तैयार
Jul 16, 2024 01:44
Jul 16, 2024 01:44
हर साल पेड परीक्षण और पांच साल में रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल होगा
जिलाधिकारी ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत सार्वजनिक और निजी परिसरों में लिफ्ट और एस्केलेटर संचालित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। सार्वजनिक जगहों पर लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। रजिस्ट्रेशन देने के लिए सक्षम अधिकारी मौका मुआयना कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। लिफ्ट या एस्केलेटर स्थापित होने के बाद चालू करने से पहले सक्षम अधिकारी से सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना होगा। साल में एक बार परीक्षण और पांच साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। सालाना परीक्षण के लिए 1500 रूपए शुल्क देना होगा।
दिव्यांगों की सुविधा का ध्यान रखना होगा
सार्वजनिक स्थान पर लिफ्ट लगाने के लिए जरूरी है कि लिफ्ट तक दिव्यांग आसानी से एप्रोच कर सकें। ट्राईसाइकिल आदि जाने के लिए रास्ता बनाया गया हो। लिफ्ट में ब्रेक डाउन होने की स्थिति से निपटने के लिए रेस्क्यू की समुचित व्यवस्था होना भी जरूरी है। लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगा हो ताकि उसका उपयोग करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मानकों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति या संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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