विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल ने किया एनसीआरटीसी का दौरा : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की सराहना की

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की सराहना की
UPT | आरआरटीएस कार्यालय में विश्व बैंक के प्रतिनिधि बैठक करते हुए।

Aug 31, 2024 22:30

आरआरटीएस के लिए पहचाने गए आठ गलियारों में से तीन को चरण-1 में प्राथमिकता दी गई है: जिनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर शामिल हैं।

Aug 31, 2024 22:30

Short Highlights
  • टीम ने की आरआरटीएस परियोजना में सहभागिता पर चर्चा 
  • दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर को वित्तपोषित करने पर विचार
  • कुशल परिवहन बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण
Delhi-Ghaziabad Meerut corridor : विश्व बैंक के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अर्बन ट्रांसिट के लिए वर्तमान और भविष्य में आरआरटीएस परियोजना में सहभागिता पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम का दौरा किया। इस चर्चा का मुख्य विषय आगामी आरआरटीएस कॉरिडोर के वित्तीय पोषण पर था। विश्व बैंक में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रीय निदेशक श्री पंकज गुप्ता के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री शलभ गोयल की अध्यक्षता वाली टीम से मुलाकात की।

आरआरटीएस कॉरिडोर को वित्तपोषित करने के लिए
विश्व बैंक को दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर को वित्तपोषित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। बैंक ने पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के माध्यम से लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने और आगामी आरआरटीएस कॉरिडॉर पर ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) क्षमता की खोज करने सहित विभिन्न पहलों पर एनसीआरटीसी के साथ भागीदारी की है। यह साझेदारी अत्यधिक कारगर रही है, जिसकी विशेषता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सतत और कुशल परिवहन बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण है।

विश्व बैंक की वैश्विक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाया जा सकेगा
इस सहयोग से न केवल वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, बल्कि अतिरिक्त पूंजी और साझेदार जुटाने के लिए विश्व बैंक की वैश्विक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाया जा सकेगा। बैंक ने आरआरटीएस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एडीबी के साथ चार अग्रिम संयुक्त मिशन संचालित किए हैं।

एनसीआरटीसी द्वारा इस्तेमाल की गई उन्नत तकनीकों की सराहना
इस दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने भारत की पहली आरआरटीएस परियोजना को लागू करने में एनसीआरटीसी द्वारा इस्तेमाल की गई उन्नत तकनीकों की सराहना की और विशेष रूप से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए लक्षित समयसीमा को पूरा करने की एनसीआरटीसी की क्षमता से प्रभावित हुए। प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि यह इतने बड़े पैमाने और जटिल बुनियादी ढाँचे वाली परियोजना के लिए एक प्रभावशाली उपलब्धि है। 

एनसीआरटीसी की पर्याप्त विशेषज्ञों की उपलब्धता
वर्ल्ड बैंक प्रतिनिधिमंडल ने इस परियोजना में एनसीआरटीसी की पर्याप्त विशेषज्ञों की उपलब्धता और मजबूत ज्ञान आधार के विकास पर भी ध्यान दिया, जो शहरी पारगमन में अन्य संगठनों को भी बहुत लाभान्वित कर सकता है। प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय और वैश्विक स्तर पर एनसीआरटीसी  के साथ आगे के सहयोग की खोज में भी गहरी रुचि व्यक्त की, जो साझेदारी को मजबूत करने और भविष्य के शहरी पारगमन विकास का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भीड़भाड़ और प्रदूषण को दूर करने की व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
आरआरटीएस का क्रियान्वयन क्षेत्र में भीड़भाड़ और प्रदूषण को दूर करने की व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह ‘दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक कार्य योजना (CAP)’ का हिस्सा है और ‘दिल्ली में यातायात की भीड़भाड़ कम करने पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति’ की सिफारिशों के अंतर्गत है।

आरआरटीएस के लिए पहचाने गए आठ गलियारों में से तीन
आरआरटीएस के लिए पहचाने गए आठ गलियारों में से तीन को चरण-1 में प्राथमिकता दी गई है: जिनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर शामिल हैं। वर्तमान में, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर पर 42 किलोमीटर के हिस्से पर नमो भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं। सम्पूर्ण 82 किलोमीटर के कॉरिडोर के जून 2025 की लक्षित समय सीमा तक पूरा होने की उम्मीद है।

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