Ganpati Mahotsav : श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में गणपति लड्डू महोत्सव में एकदंत स्वरूप की पूजा-अर्चना

श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में गणपति लड्डू महोत्सव में एकदंत स्वरूप की पूजा-अर्चना
UPT | गाजियाबाद के सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में गणेश उत्सव के दौरान एकदंत पूजा।

Sep 09, 2024 20:38

गणेश स्तुतियों, षोडशोपचार, राज उपचार, भगवान गणेश के सहस्रनाम की पूजा हुई। भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया।

Sep 09, 2024 20:38

Short Highlights
  • गणेश को सिंदूर का टीका लगाने से मां लक्ष्मी होतीं है प्रसन्न
  • मंदिर में विधि-विधान से की गई गणेश की पूजा अर्चना
  • गणपति लड्डू महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों की लगी भीड़  
Ganpati Mahotsav : गाजियाबाद सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में 11 दिवसीय  श्रीदूधेश्वर गणपति लड्डू महोत्सव के दूसरे दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड लगी रही। मंदिर में भगवान गणेश के दूसरे स्वरूप एकदंत की पूजा विधि-विधान के साथ की गई।

दूर्वा व लड्डू तथा मोदक द्वारा गणपति का सहस्रार्चन
सुबह10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दूर्वा व लड्डू तथा मोदक द्वारा गणपति का सहस्रार्चन व पूजन किया गया। गणेश स्तुतियों, षोडशोपचार, राज उपचार, भगवान गणेश के सहस्रनाम की पूजा हुई। भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया।

उनके एकदंत कहाने की दो मान्यताएं
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भगवान गणेश को एकदंत कहा जाता है। उनके एकदंत कहाने की दो मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार एक समय भगवान शिव व माता पार्वती से मिलने भगवान परशुराम आए।

भगवान शिव व माता पार्वती से मिलने नहीं दिया
उस समय भगवान शिव व माता पार्वती विश्राम कर रहे थे, इसलिए गणेश जी ने उन्हें भगवान शिव व माता पार्वती से मिलने नहीं दिया। इस पर भगवान परशुराम ने क्रोधित होकर उन पर फरसे से वार किया, जिससे उनका एक दांत टूट गया और गणेश जी एकदंत के नाम से प्रसिद्ध हुए। दूसरी मान्यता के अनुसार एक बार महर्षि च्यवन ने अपने तपोबल के माध्यम से मद की रचना की थी और वह महर्षि का पुत्र कहलाया।

देवताओं को अभय का वरदान दिया
मद दैत्य गुरु शुक्राचार्य से दीक्षा लेकर देवताओं पर अत्याचार करने लगा। तब सभी देवताओं ने भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र का आह्वान किया तो भगवान ने एकदंत के रूप में अवतार लिया। एकदंत भगवान ने मदासुर को युद्ध में पराजित कर दिया और देवताओं को अभय का वरदान दिया।

भगवान गणेश का विशेष पूजन-अर्चन
मुख्य यजमान श्रीदूधेश्वर नाथ मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग ने भगवान गणेश का विशेष पूजन-अर्चन किया। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश की पूजा से सभी विध्न दूर होते हैं। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मंदिर में रविवार को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया था। मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि बडीं संख्या में लोगों ने भगवान गणेश की पूजा की। 

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