न्यू नोएडा का पहला दफ्तर जल्द होगा शुरू : दादरी में खुलेगा ऑफिस, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी

दादरी में खुलेगा ऑफिस, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी
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Nov 19, 2024 20:48

नोएडा, दादरी और गाजियाबाद के बीच स्थित दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR), जिसे "न्यू नोएडा" के नाम से भी जाना जाता है, का पहला कार्यालय सिकंदराबाद और दादरी के बीच जोखाबाद और सांवली गांव के पास स्थापित किया जाएगा।

Nov 19, 2024 20:48

Short Highlights
  • न्यू नोएडा का पहला कार्यालय सिकंदराबाद और दादरी के बीच
  • सीईओ ने दी दफ्तर खोलने की योजना को मंजूरी
  • जमीनों के दामों में हुई 5 गुना बढ़ोतरी
Greater Noida News : नोएडा, दादरी और गाजियाबाद के बीच स्थित दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR), जिसे "न्यू नोएडा" के नाम से भी जाना जाता है, का पहला कार्यालय सिकंदराबाद और दादरी के बीच जोखाबाद और सांवली गांव के पास स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत न्यू नोएडा के सीईओ ने दफ्तर खोलने की योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे इस क्षेत्र में विकास की नई राह खोली जाएगी।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
न्यू नोएडा को 16500 हेक्टेयर भूमि पर बसाने की योजना है। पहले चरण में दादरी जीटी रोड के किनारे चिटेहरा, नई बस्ती, बील अकबरपुर और कोट गांवों की जमीनों का अधिग्रहण शुरू होगा। अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन से संबंधित दस्तावेजों को शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। पहले चरण में 15 गांवों की जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी। न्यू नोएडा की स्थापना के लिए गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के कुल 80 गांवों की जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित है, जिनमें 20 गांव गौतमबुद्ध नगर और 60 गांव बुलंदशहर जिले के हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसानों से जमीन सीधे खरीदने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।


जमीनों के दामों में हुई 5 गुना बढ़ोतरी
न्यू नोएडा परियोजना की घोषणा के बाद से क्षेत्र में भू-माफिया सक्रिय हो गए हैं। एक संगठित नेटवर्क के तहत ये माफिया गांवों में सस्ते दामों पर जमीनें खरीदने में जुटे हैं, जबकि सफेदपोश नेता और अधिकारी भी इस खेल में शामिल हो गए हैं। माफिया जमीनों को अपने नाम पर नहीं बल्कि नौकर, ड्राइवर और चपरासियों के नाम से खरीद रहे हैं। पिछले पांच महीनों में इन जमीनों के दाम पांच गुना तक बढ़ चुके हैं। जो जमीन पहले 20,000 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से मिल रही थी, वह अब 1 लाख रुपये प्रति मीटर तक पहुंच गई है। इसके साथ ही, ग्रामीण इलाकों में एक बीघा जमीन का मूल्य लाखों से लेकर करोड़ों रुपये तक पहुंच चुका है।

बाउंड्रीवाल निर्माण और मजदूरों की मांग बढ़ी
भूमि अधिग्रहण से बचने के लिए ग्रामीण अपने खेतों की बाउंड्रीवाल बनाने में जुट गए हैं। इस कारण क्षेत्र में राजमिस्त्री और मजदूरों की मांग अत्यधिक बढ़ गई है। मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए मथुरा, अलीगढ़ और बागपत जैसे जिलों से मजदूर बुलाए जा रहे हैं। हालांकि न्यू नोएडा परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन भू-माफिया और अवैध खरीद-फरोख्त के कारण मास्टर प्लान के तहत इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। अगर यही स्थिति जारी रही, तो न्यू नोएडा की यह महत्वाकांक्षी परियोजना केवल नाम मात्र की रह जाएगी।

कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा
न्यू नोएडा क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और विकास की प्रक्रिया तेज होने के साथ ही इस परियोजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को भू-माफियाओं की गतिविधियों पर रोक लगाने और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक नया केंद्र बनेगी।

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